इंडियन आर्मी की दो टूक युद्ध में नहीं भेजी जा सकतीं लेडी आर्मी ऑफिसर्स
नई दिल्ली। इंडियन आर्मी ने अभी गणतंत्र दिवस पर अमेरिका के प्रेसिडेंट बराक ओबामा के सामने नारी शक्ति का प्रदर्शन किया और उसे सलाम भी किया. लेकिन ताज्जुब की बात ये है कि आर्मी महिला ऑफिसर को लड़ाई पर जाने के लिए तैयार नहीं समझती. इंडियन आर्मी ने मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस और चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के चेयरमैन को स्पष्ट किया है कि लेडी ऑफिसर्स को युद्ध में भेजने की बात का कहीं भी उल्लेख नहीं है. गणतंत्र दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहने पर नारी शक्ति को प्रोत्साहित करने के लिए आर्मी, नेवी और एयरफोर्स की परेड महिलाओं द्वारा ही की गई.
यहां तक कि राष्ट्रपति भवन में ओबामा के स्वागत कार्यक्रम में भी विंग कमांडर पूजा ठाकुर तीनों सेनाओं को रिप्रेजेंट करने वाली अकेली महिला अफसर थीं. 27 जनवरी को आर्मी चीफ जनरल दलबीर सिंह ने लेडी ऑफिसर के सम्मान में एक कार्यक्रम का आयोजन किया और उन्हें प्रशस्त करते हुए कहा कि हम लेडी ऑफिसर के करियर की प्रगति पर प्लानिंग कर रहे हैं. उनका योगदान अमूल्य है. लेकिन आर्मी ने डिफेंस मिनिस्ट्री को बताया है कि इस प्रगति में लड़ाई पर जाने का कर्तव्य शामिल नहीं है. आर्मी को लगता है कि पैदल सेना या तोपों की टुकड़ी जैसे विभागों में महिला ऑफिसर को शामिल नहीं किया जा सकता.


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