उत्तराखंडः चकराता में तेज तूफान से गिरी चट्टान, 10 नेपाली मजदूरों लोगों की मौत
देहरादून : राजधानी के तहसील के राजस्व क्षेत्र हनोल के निकट जोड़ा नामक स्थान पर रविवार देर रात चट्टान खिसकने से 10 नेपाली मजदूरों की मौत हो गई, जबकि चार लोग घायल हो गए। घायलों में एक की हालत गंभीर होने पर प्राथमिक उपाचार के बाद उसे दून मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया। मृतकों में एक बच्चा, दो युवती, समेत 10 लोग शामिल हैं। सभी आपस में रिश्तेदार थे। सूचना पर देर रात मौके पर पहुंचे राजस्व कर्मियों ने घायलों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र त्यूनी में भर्ती कराया। गृहमंत्री प्रीतम सिंह, वन मंत्री दिनेश अग्रवाल और जिलाधिकारी डॉ. रविनाथ रमन ने घटना स्थल का दौरा करके मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
देहरादून जनपद के त्यूनी तहसील क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत हनोल-चातरा मोटर मार्ग का काम चल रहा है। निर्माण कार्य में कई नेपाली मजदूर लगे हैं। सभी ने सड़क किनारे डेरा बनाया हुआ हैं। रविवार रात करीब 10 बजे क्षेत्र में तेज आंधी तूफान चला। इससे कई मजदूरों के डेरे उड़ गए और मौके पर अफरातफरी मच गई। सभी मजदूर आंधी- तूफान से बचने के लिए चट्टान की ओट में बैठ गए। इसी बीच तूफान से चीड़ का भारी भरकम पेड़ चट्टान के ऊपर गिरा। इससे चट्टान खिसकने से उसकी चपेट में आकर 10 मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई।
हादसे में चार लोग घायल हो गए। घायल मजदूर ज्ञानू ने घटना की जानकारी फोन पर ठेकेदार को दी। ठेकेदार के जरिए सूचना मिलने पर प्रशासन ने मौके पर राजस्व कर्मियों को भेजा। राजस्व कर्मियों ने फौरन घायलों को 108 एंबुलेंस की मदद से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र त्यूनी में भर्ती कराया, जहां से घायल मजदूर जनक को दून रेफर कर दिया गया। अन्य घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। मौके पर ही सभी 10 शवों का पोस्टमार्टम करने के बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए। परिजनों ने गमगीन माहौल मृतकों का अंतिम संस्कार टोंस नदी किनारे किया गया।
देहरादून जनपद के त्यूनी तहसील क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत हनोल-चातरा मोटर मार्ग का काम चल रहा है। निर्माण कार्य में कई नेपाली मजदूर लगे हैं। सभी ने सड़क किनारे डेरा बनाया हुआ हैं। रविवार रात करीब 10 बजे क्षेत्र में तेज आंधी तूफान चला। इससे कई मजदूरों के डेरे उड़ गए और मौके पर अफरातफरी मच गई। सभी मजदूर आंधी- तूफान से बचने के लिए चट्टान की ओट में बैठ गए। इसी बीच तूफान से चीड़ का भारी भरकम पेड़ चट्टान के ऊपर गिरा। इससे चट्टान खिसकने से उसकी चपेट में आकर 10 मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई।
हादसे में चार लोग घायल हो गए। घायल मजदूर ज्ञानू ने घटना की जानकारी फोन पर ठेकेदार को दी। ठेकेदार के जरिए सूचना मिलने पर प्रशासन ने मौके पर राजस्व कर्मियों को भेजा। राजस्व कर्मियों ने फौरन घायलों को 108 एंबुलेंस की मदद से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र त्यूनी में भर्ती कराया, जहां से घायल मजदूर जनक को दून रेफर कर दिया गया। अन्य घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। मौके पर ही सभी 10 शवों का पोस्टमार्टम करने के बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए। परिजनों ने गमगीन माहौल मृतकों का अंतिम संस्कार टोंस नदी किनारे किया गया।
हादसे में मारे गए लोगों के नाम
मृतकों की पहचान कुमारी देवी (45) पत्नी दीपक, श्रद्धाना (18) पुत्री दीपक, तारा (17) पुत्री दीपक, दीपक(55) पुत्र भगत बहादुर, भरत बहादुर (22) पुत्र भगत बहादुर सभी निवासी सौ गांव, तहसील कापरीचोर, जिला सालियान नेपाल, विनीता (40) पत्नी जनक, जीवन (22) पुत्र जनक, भूपेंद्र (08) पुत्र जनक ग्राम गोरगा, तहसील रंगदा, जिला जाजरकोटी नेपाल, धनबहादुर (55) पुत्र धनवीर, धन कुमारी (50) पत्नी धन बहादुर ग्राम डांडा तहसील मोहरी जिला मुंशीकोट नेपाल के रूप में हुई।
ये हुए घायल
जनक (40 वर्ष) पुत्र बलबहादुर, शक्ति बहादुर (25 वर्ष) पुत्र निम बहादुर, ज्ञानू (26 वर्ष) पुत्र राम सिंह, खेमराज (42 वर्ष) पुत्र चंद्र बहादुर। सभी निवासी डांडा गांव, तहसील मौरी, जिला मुंशीगेट नेपाल निवासी हैं।
ये हुए घायल
जनक (40 वर्ष) पुत्र बलबहादुर, शक्ति बहादुर (25 वर्ष) पुत्र निम बहादुर, ज्ञानू (26 वर्ष) पुत्र राम सिंह, खेमराज (42 वर्ष) पुत्र चंद्र बहादुर। सभी निवासी डांडा गांव, तहसील मौरी, जिला मुंशीगेट नेपाल निवासी हैं।
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