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अन्ना की राह पर चलेगा जीटीए:गुरुंग

दार्जिलिंग : गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के प्रमुख विमल गुरुंग ने कहा कि समाजसेवी अन्ना हजारे का आंदोलन भ्रष्टाचार के खिलाफ है और इसमें गोजमुमो भी उनके साथ है। आने वाले दिनों में अस्तित्व में आने वाले गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन को भी पारदर्शी बनाया जाएगा और इसमें भ्रष्टाचार की स्थिति कभी भी आने नहीं दी जाएगी। वह स्थानीय गोरखा रंगमंच भवन में जनमुक्ति अस्थायी कर्मचारी संगठन की ओर से आयोजित सदभावना समारोह में मुख्य अतिथि के पद से विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि समाजसेवी अन्ना हजारे जन लोकपाल लाना चाहते हैं और इसी के समर्थन में पूरा देश इस समय उनके साथ है। जन लोकपाल की जरूरत तब महसूस हो रही है, जब देश में कई बड़े घोटाले हुए और जनता के करोड़ों रुपए भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए। उन्होंने कहा कि पहाड़ में भी कई भ्रष्टाचार हुए हैं। इसमें दार्जिलिंग गोरखा पार्वत्य परिषद की बड़ी भूमिका है और इसके प्रमुख रहे सुभाष घीसिंग के शासनकाल में यह घोटाले हुए हैं। यह बातें जगजाहिर हैं और सभी को हर बात पता है। प्रस्तावित जीटीए को लेकर मोर्चा ने अपनी रणनीति बना ली है, लेकिन इसमें केंद्र सरकार हीलाहवाली कर रही है।
गोजमुमो सुप्रीमो ने साफ किया कि सरकार अपने रवैये पर कायम रही तो पहाड़ के हालात बिगड़ने में समय नहीं लगेगा। जीटीए के तहत भरपूर विकास के लिए गोजमुमो से वादा किया गया था और इसी बात पर मोर्चा ने त्रिपक्षीय मसौदे पर हस्ताक्षर किये थे। उन्होंने कहा कि दार्जिलिंग सहित विभिन्न क्षेत्रों में पार्किंग सहित अन्य समस्याएं हैं और इनके निदान के लिए सभी को आगे आना होगा व मोर्चा को अधिकार देने होंगे। जीटीए के तहत दो वर्ष के भीतर पूरे पहाड़ के साथ तराई-डुवार्स का भी विकास शामिल है और इससे कोई समझौता नहीं किया जाएगा। दागोपाप में अस्थायी कर्मचारियों को अब चुनौती का सामना करना पड़ेगा। सभी को आने वाले दिनों कठिन परीक्षा देना होगा और जो इसमें सफल होगा, उस पर ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री राजीव गांधी पहाड़ का विकास चाहते थे, लेकिन उस समय यहां के नेता इसके पक्ष में नहीं थे। यही वजह है कि पहाड़ पिछड़ता गया। पहाड़ के विकास के लिए विमल ने प्रधानमंत्री से विशेष पैकेज की मांग की है।

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