द दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे के 130 साल
23 अगस्त को गोरखालैंड की शान और दुनिभर में मशहूर दार्जीलिंग हिमालयन रेलवे जिसका लोकप्रिय नाम "टॉय ट्रेन" भी है को शुरू हुए 130 साल पूरे हो रहे है , समूचे गोरखालैंड क्षेत्र की जीवनदायिनी कड़ी के रूप में विगत कई बरसो से सतत चली आ रही है . भारत के गिने चुने बचे हुए नैरो गेज़ पटरियों पर दौड़ने वाला यह ऐतिहासिक ट्रेन सन 1881 से लगातार अपनी सेवाए दे रहा है . पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले से प्रारम्भ होकर दार्जिलिंग तक का सफ़र करती है ,कुल 86 किलोमीटर लम्बे इस सफ़र में सैकड़ो छोटे -छोटे पूल , झरने और सुरंगे गुजरते है जिसे इसका सफ़र बड़ा ही खूबसूरत सा महसूस होता है .इस सफ़र का अंतिम पड़ाव घूम रेलवे स्टेशन भारत का सबसे ऊँचाई पर स्थित रेलवे स्टेशन भी है .भारतीय रेलवे के सहयोग से दार्जिलिंग हिमालयन सोसाईटी इस टॉय ट्रेन को संचालित करती है , सन 1977 से 1881 तक चार वर्षो में यह ट्रैक बनकर तैयार हुआ था . वर्ष 1999 में इस ट्रेन को यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज साईट घोषित किया।
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