तीनधारिया में 70 परिवार राहत शिविरों में
कर्सियांग। तीनधारिया के भानुग्राम, क्रिकेट पाखा, मित्र संघ गोलाई, तीनधारिया चाय बागान आदि क्षेत्र के तकरीबन 70 से अधिक परिवार भूकंप व भूस्खलन से पीड़ित परिवार कुल छह राहत शिविरों में रह रहे हैं। यह जानकारी गुरुवार को कर्सियांग प्रखंड विकास अधिकारी भास्कर मोक्तान ने दी। उन्होंने बताया कि शिविरों में रहने कुछ ऐसे परिवार के सदस्य भी बरसात होने के दौरान आते हैं। जिनके मकानों में भूकंप के झटके से दरार पड़ गए हैं और जो अपने भवनों को छोड़ना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे कुछ सदस्य मौसम ठीक रहने से अपने घरों में ही अक्सर रहा करते हैं।
तीनधारिया क्षेत्र के भूकंप व भूस्खलन से पीड़ितों को हर संभव सरकारी सहायता पहुंचाने का कार्य जारी है। गुरुवार को क्षेत्र के पीड़ितों को कुल मिलाकर साढ़े तीन क्विंटल चावल, 35 तारपोलिन, 25 किलो चूड़ा, 10 किलो दाल, 10 किलो चीनी, 3 कार्टून बिस्कुट, किरासन तेल आदि राहत सामग्री के तहत वितरित किये गए। उन्होंने बताया कि प्रत्येक रिलिफ कैंप का संचालन करने के लिए क्षेत्रीय लोगों को लेकर कमेटी बनाई गई है। इसी कमेटी के जरिए प्रशासन की सामग्री पीड़ितों को दी जा रही है। बुधवार सुबह तकरीबन साढ़े दस बजे तीनधारिया स्थित रेलवे कारखाना के नीचे भूस्खलन से क्षतिग्रस्त राष्ट्रीय राजमार्ग 55 के संदर्भ में उन्होंने बताया कि इसका मरम्मत कार्य के बारे में अभी कुछ स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है। तीनधारिया के कई क्षेत्रों में भूस्खलन जाने व भू-धंसान होने का क्रम पिछले कई दिनों से लगातार जारी है।
तीनधारिया क्षेत्र के भूकंप व भूस्खलन से पीड़ितों को हर संभव सरकारी सहायता पहुंचाने का कार्य जारी है। गुरुवार को क्षेत्र के पीड़ितों को कुल मिलाकर साढ़े तीन क्विंटल चावल, 35 तारपोलिन, 25 किलो चूड़ा, 10 किलो दाल, 10 किलो चीनी, 3 कार्टून बिस्कुट, किरासन तेल आदि राहत सामग्री के तहत वितरित किये गए। उन्होंने बताया कि प्रत्येक रिलिफ कैंप का संचालन करने के लिए क्षेत्रीय लोगों को लेकर कमेटी बनाई गई है। इसी कमेटी के जरिए प्रशासन की सामग्री पीड़ितों को दी जा रही है। बुधवार सुबह तकरीबन साढ़े दस बजे तीनधारिया स्थित रेलवे कारखाना के नीचे भूस्खलन से क्षतिग्रस्त राष्ट्रीय राजमार्ग 55 के संदर्भ में उन्होंने बताया कि इसका मरम्मत कार्य के बारे में अभी कुछ स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है। तीनधारिया के कई क्षेत्रों में भूस्खलन जाने व भू-धंसान होने का क्रम पिछले कई दिनों से लगातार जारी है।
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