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सिक्किम के चुंगथांग में फंसे हैं 700 लोग

गंगटोक। उत्तरी सिक्किम के चुंगथांग में अभी भी बिहार, उत्तरप्रदेश झारखंड के करीब 700 से अधिक श्रमिक कर्मचारी फंसे हैं। भूकंप के कारण उत्तरी सिक्किम के जिला मंगन से चुंगथांग पहाड़ को काटकर सड़क निर्माण किया गया। 28 किलोमीटर सड़क पूरी तरह तबाह हो गई थी। भूकंप के बाद लगातार बारिश से बर्बाद हो चुकी सड़कों का अधिकांश हिस्सा भूस्खलन भूधसान की चपेट में गया है। यातायात बहाल करने में करीब एक माह लगेगा। पहाड़ के खिसकने से पैदल चलने लायक रास्ता भी नहीं है। लोग जान हथेली पर लेकर रस्सी के सहारे चुंगथांग से टुंग पहुंच रहे हैं। यह जोखिम नहीं उठाने वाले चुंगथान बाजार स्थित खेल मैदान में एकत्रित हो रहे हैं। फंसे हुए लोगों में निर्माणाधीन पनबिजली निर्माण कंपनी तीस्ता ऊर्जा, एसइडब्लू, सीपीडब्लू, ग्रेफ आदि में काम करने वाले श्रमिक कर्मचारी हैं।

ग्रेफ में कार्यरत मजदूर बिहार के दरभंगा निवासी जीतेंद्र कुमार झा ने बताया कि वह पिछले चार दिनों से राहत शिविर में रहकर अपनी बारी करा इंतजार कर रहा है। मौसम खराब होने के कारण हेलीकाप्टर लैंड नहीं हो रहा है। तीस्ता ऊर्जा कंपनी में कार्यरत मजदूर बिहार के छपरा निवासी धरमबीर ने कहा कि उसका नंबर 78 है। उसी के हिसाब से हेलीकाप्टर में ले जाया जाएगा। यहां फिलहाल बीएसएनएल की डब्लुडब्लुएलएस संचार सेवा शुरू हुई है। उसी के माध्यम से परिजनों से संपर्क साधा है। लखनऊ निवासी लालू प्रसाद ने कहा है कि अब हेलीकाप्टर में अपनी बारी कार इंतजार नहीं करेंगे। हिम्मत कर कल यहां से पैदल मंगन तक पहुंचने का इरादा बनाया हूं।

चुंगथांग से करीब 37 किलोमीटर ऊपरी स्थान दोबांग स्थित नवयुग कंस्ट्रक्शन कंपनी में कार्यरत मजदूर बलवंत राय तीन दिनों तक पैदल चलकर रविवार को चुंगथांग पहुंचा। वे बनारस के हैं। बताया कि इस कंपनी में करीब 200 श्रमिक कार्यरत थे। कंपनी का निर्माणाधीन ढांचा बर्बाद हो गया है। वे चुंगथांग स्थित गुरुद्वारे में हेलीकाप्टर का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने खुद के पास घर वापस जाने का पैसा नहीं होने तथा कंपनी द्वारा इस की व्यवस्था करने की बात कही। चुंगथांग के एसडीएम टासी छोपेल ने बताया कि यहां फिलहाल कोई खतरा नहीं है। करीब 90 मकान धराशायी हुए हैं। 25 मकानों को खतरे के मद्देनजर खाली कराया गया है। प्रशासन ने चुंगथांग में 7 अलग-अलग राहत शिविर लगा दिया है। राशन हेलीकाप्टर के जरिए पहुंच रहा है। इंडो-तिब्बत बार्डर पुलिस (आइटीबीपी) व सेना के जवान मदद में जुटे हैं। उन्होंने चुंगथांग के पास पेंगोंग के तबाह होने की जानकारी दी। चुंगथांग व आसपास के गांवों में बचाव व राहत कार्य पूरा हो गया है। अब लोगों को यहां से निकालकर घर पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है।

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