छत्रे सुब्बा की रिहाई पर पहाड़ के लोग गदगद
दार्जिलिंग। जीएलो प्रमुख छत्रे सुब्बा की रिहाई पर पहाड़ के लोग गदगद हैं। गोजमुमो, क्रामाकपा सहित अन्य दलों ने अपनी खुशी जाहिर की है और कहा कि यह वाम मोर्चा सरकार की बहुत बड़ी हार है। छत्रे को इसी सरकार की साजिश के तहत इतने दिन जेल में बिताने पड़े। छत्रे सुब्बा की रिहाई के बाद कई क्षेत्रों में गोजमुमो, क्रामाकपा ने पोस्टर चिपकाए और खुशी जताई। बातचीत के दौरान गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के महासचिव रोशन गिरि ने कहा कि छत्रे सुब्बा ने यहां के लोगों के लिए त्याग किया और इसी का नतीजा था कि उनके उपर लगे सभी आरोप बेबुनियाद साबित हुए। उनको जेल में भेजने के लिए गोरखा राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा ने वाम मोर्चा के साथ मिलकर साजिश की और उन्हें जेल में भिजवा दिया। यही वजह थी कि वाम मोर्चा की सरकार जाते ही उनकी रिहाई हो पाई। उन पर लगे सभी आरोप साबित नहीं हो पाए। उनके रिहा होने पर गोजमुमो को खुशी है।क्रांतिकारी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता गोविंद क्षेत्री ने कहा कि यह पार्टी की जीत है। उनको रिहा करने के लिए पार्टी ने राष्ट्रीय स्तर का आंदोलन किया था और इसमें काफी जनसमर्थन मिला। उन्हें एक दशक से ज्यादा का समय जेल में बिताना पड़ा। उनके खिलाफ संगीन आरोप लगाए गए थे, लेकिन सत्य की विजय हुई और वह रिहा हुए। इस फैसले से लोगों के प्रति न्यायालय के प्रति और ज्यादा विश्वास बढ़ जाएगा। अखिल भारतीय गोरखालीग के महासचिव लक्ष्मण प्रधान ने कहा कि छत्रे सुब्बा और उनके अन्य साथियों को पूर्व में ही रिहा हो जाना चाहिए था लेकिन राज्य की पूर्व सरकार ने साजिश के तहत उन्हें फंसाए रखा। इस बीच उनकी रिहाई पहाड़ के लोगों के लिए अच्छी खबर है और इसके लिए उन्हें हार्दिक


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