चीन के खिलाफ जुलूस निकालकर विरोध जताया
कालिम्पोंग। बीते तीन नवंबर को तिब्बत के झोगो छेवंलिग गुम्पा में चीन के अत्याचार से आजिज आकर आत्मदाह करने वाले पाल्देन छोसेग की मौत होने से इस समुदाय के लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। चीन के खिलाफ तिब्बती समुदाय के लोगों ने रविवार को तिब्बती ह्यूमन एसोसिएशन व आरटीवाइ सी के संयुक्त तत्वावधान में जुलूस निकाला और पूरे शहर की परिक्रमा की। इसमें सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए और चीन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
डम्बर चौक पर आने के बाद जुलूस सभा में तब्दील हो गया। इसमें सभी ने चीन की इस घटना के लिए भर्त्सना की और निंदा की। वक्ताओं ने कहा कि यह नई बात नहीं है। चीन पहले भी तिब्बत पर कब्जा बनाए रखने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाता रहा है। इसी कड़ी में पाल्देन छोसेग को अपनी जान गंवानी पड़ी। इस बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चीन ने अत्याचार की सभी हदें पार कर दी हैं। वहां लोगों को धर्म से जुड़े कपड़े नहीं पहनने दिया जाता है और न ही अपनी भाषा बोलने दी जाती है। वहां सीधे तौर मानवाधिकार का उल्लंघन हो रहा है। चीन का मुकाबला करने के लिए सभी को एक होकर रहना होगा। सभा में तिब्बत सरकार से मांग की गई कि वहां रह रहे समुदाय के लोगों पर अत्याचार रोकने की मांग की गई। सभा में तिब्बती नारी संस्था की अध्यक्ष केमसांग छोकी सहित अन्य लोगों ने विचार व्यक्त किए।
डम्बर चौक पर आने के बाद जुलूस सभा में तब्दील हो गया। इसमें सभी ने चीन की इस घटना के लिए भर्त्सना की और निंदा की। वक्ताओं ने कहा कि यह नई बात नहीं है। चीन पहले भी तिब्बत पर कब्जा बनाए रखने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाता रहा है। इसी कड़ी में पाल्देन छोसेग को अपनी जान गंवानी पड़ी। इस बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चीन ने अत्याचार की सभी हदें पार कर दी हैं। वहां लोगों को धर्म से जुड़े कपड़े नहीं पहनने दिया जाता है और न ही अपनी भाषा बोलने दी जाती है। वहां सीधे तौर मानवाधिकार का उल्लंघन हो रहा है। चीन का मुकाबला करने के लिए सभी को एक होकर रहना होगा। सभा में तिब्बत सरकार से मांग की गई कि वहां रह रहे समुदाय के लोगों पर अत्याचार रोकने की मांग की गई। सभा में तिब्बती नारी संस्था की अध्यक्ष केमसांग छोकी सहित अन्य लोगों ने विचार व्यक्त किए।
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