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मैं गांधी नहीं, पवार को पड़ा थप्पड़ सही था -अन्ना हजारे

नई दिल्ली अन्ना हजारे ने शरद पवार को थप्पड़ पड़ने की घटना के बाद दी गई अपनी विवादित प्रतिक्रिया, एक ही थप्पड़, को अब सही ठहराते हुए कहा है कि न ही वो गांधी हैं और न ही शरद पवार को पड़ा थप्पड़ हिंसा था। अन्ना ने अपने ताजा ब्लॉग पोस्ट के जरिए यह स्पष्ट करते हुए कहा कि, एक जवान हरविंदर सिंह ने शरद पवार, कृषि मंत्री, भारत सरकार के मुंह पर थप्पड़ मारा और लोगों में हल्ला गुल्ला मच गया. किसी ने मुझ से पूछा शरद पवार के मुंह पर एक जवान ने एक थप्पड़ मारा, मैंने कहा एक ही थप्पड़ मारा? और प्रत्यक्ष थप्पड़ मारने वाले से “एक ही थप्पड़ मारा” कहने वाले को कई लोगों ने अधिक अपराधी माना।

अन्ना ने ब्लॉग में आगे कहा, मेरी तुलना महात्मा गांधी से करना ठीक नहीं है, गाँधी जी के पास बैठने की भी मेरी पात्रता नहीं है। मैं महात्मा गाँधी जी के आदर्श को मानता हूँ लेकिन कभी-कभी छत्रपति शिवाजी महाराज का भी आदर्श सामने रखता हूं। कठोर शब्द प्रयोग करने को भी महात्मा गांधी ने हिंसा कहा था। समाज और देश कि भलाई के लिए कठोर शब्द की हिंसा मैं बार-बार कई सालों से करता आया हूँ। एक ही थप्पड़ मारा? ये मेरी हिंसा हो गई थी। लेकिन समाज कि भलाई के लिए ऐसी हिंसा करने को मैं दोष नहीं मानता। राजनीति में कई लोगों को थप्पड़ मारने का बहुत बुरा लग गया था। कईयों को गुस्सा भी आ गया था। लेकिन उस जवान ने थप्पड़ क्यों मारा था? इस बात को भी सोचना जरुरी था।

अन्ना ने अपने ब्लॉग में केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार पर भी तीखा वार करते हुए कहा है कि भ्रष्टाचारी लोगों को संभालने की शरद पवार को बहुत पुरानी आदत है। अन्ना ने अपने ब्लॉग में यह भी कहा कि शरद पवार के समर्थकों ने उन्हें गंदी गालियां दी जिन्हें उन्होंने रिकॉर्ड करके रख लिया है और अब वो उन्हें बजाकर जनता को सुनाएंगे। अन्ना ने कहा, एक थप्पड़ का गुस्सा कई लोगों को आया लेकिन पूरा जीवन समाज और देश के लिए अर्पण करते हुए इतनी तकलीफ दी जाती है, उसका गुस्सा किसी को नहीं आता।

यह दुर्भाग्य की बात है. मेरी विनती है, मुझ पर गुस्सा आता है तो जैसे मेरे पुतले जलाये, आगे भी जलाते रहो। मेरी प्रेतयात्रा निकालो, मेरी बदनामी के लिए चाहे जैसा करो. लेकिन राष्ट्र संपत्ति का कभी भी नुकसान मत करो। वह हमारी सब की संपत्ति समझ कर उसका जतन करो। शरद पवार के कार्यकर्ताओं ने मुझे मां-बहन की गाली दी हैं, उसका मैंने मेरे समाधान के लिए रिकॉर्ड (सीडी) करके रखा है। समय आने पर मैं जनता को बजाकर सुनाऊंगा ।
(साभार- दैनिक भास्कर )

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