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शहीद मेजर दुर्गा मल्ल मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा "खाराखेत विचार गोष्ठी" का आयोजन, विधायक पुण्डीर ने किया ऐतिहासिक स्थल के जल्द जीर्णोद्धार का वादा

आजादी के सेनानियों ने 20 अप्रैल 1930 को खाराखेत गाँव देहरादून उत्तराखण्ड में भी तोड़ा था नमक कानून

■ वीर गोरखा न्यूज नेटवर्क
देहरादून :  गाँधी नमक सत्याग्रह आंदोलन स्मारक स्थल , खाराखेत मझौन झाझरा रेंज में शहीद मेजर दुर्गा मल्ल मेमोरियल ट्रस्ट (रजि०) के तत्वाधान में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम मे सर्वप्रथम मुख्य अतिथि माननीय विधायक सहसपुर श्री सहदेव पुंडीरजी, विशिष्ट अतिथि श्री जितेंद्र सिंह गुसाई जी (वन क्षेत्राधिकारी झाझरा रेंज देहरादून) , गोर्खाली सुधार सभा के अध्‍यक्ष श्री पदम सिंह थापाजी एवं ट्रस्ट की अध्‍यक्षा श्रीमती कमला  थापाजी  ने स्मारक स्थल में महात्मा गाँधीजी, खाराखेत नमक सत्याग्रह श्री खड़क बहादुर सिंह बिष्ट जी एवं उनके साथियों को पुष्पमाला चढ़ाते हुए  भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रीमती कमला थापा जी ने सभी अतिथियों को खादा पहनाकर स्वागत-अभिनंदन किया।

इतिहास
गोर्खाली सुधार सभा की मीडिया प्रभारी प्रभा शाह ने खाराखेत के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए अवगत कराया कि देहरादून से 18 किलोमीटर दूर स्थित खाराखेत गाँव में, 1930 में महात्मा गाँधीजी के आह्वान पर "आजादी के मतवालों" श्री खड़क बहादुर सिंह बिष्ट एवं उनके साथियों ने यहाँ नून नदी में नमक बनाकर ब्रिटिश हुकुमत को चुनौती दी थी | खाराखेत गाँव आज भी लोगों के दिलों में देशभक्तिका जज्बा पैदा करता है। यह वही गाँव है जहाँ नून नदी का पानी नमकीन है। खाराखेत भले ही आज सरकारकी उपेक्षा झेल रहा हो पर ये जनमानस के लिए प्रेरणास्रोत है | वर्ष 1930 में गाँधीजी के नेतृत्वमें आजादी के दीवानें देशभर में नमक कानून तोड़ने को एकजुट हुए तो देहरादून क्यों अछूता रहत ।
तो 20 अप्रैल 1930  दोपहर में में अखिल भारतीय नमक सत्याग्रह समिति के बैनर तले श्री खड़क बहादुर सिंह बिष्टजी की अगुवाई में आजादी के मतवाले नून नदी खाराखेत में एकत्र हुए और नमक बनाकर ब्रिटिश हुकुमत का कानून तोडा़ और चेताया कि अब उनकी मनमानी नहीं चलेगी फिर दोबारा 7 मई 1930 को उन्होंने नून नदी में नमक बनाया और  फिर देहरादून शहर के टाऊन हाॕल में बेचते हुए अपनी गिरफ्तारी दी। इस प्रकार देहरादून उत्तराखण्ड भी गाधीजी के नमक आंदोलन का हिस्सा बना था  1983 में श्री ब्रह्मदत्तजी, वित्त एवं नियोजन मंत्री उत्तरप्रदेश ने इस स्मारक की स्थापना की थी , पर रखरखाव के अभाव में आज यह स्मारक जीर्ण क्षीण अवस्था में है , स्मारक तक पहुँचने का रास्ता भी टूटा फूटा है।

गौरतलब है कि खड्ग बहादुर ने कोलकाता जाकर अपनी खुखरी से सेठ की गर्दन उड़ा दी। उन्होंने खुद को पुलिस के हवाले कर दिया। उन्हें सजा हुई। लोगों ने दबाव डाला तो कुछ सजा भुगतने के बाद उन्हे रिहा कर दिया गया। वे देहरादून स्थित आठ नम्बर ग्रांट (अब नेहरूग्राम) के निवासी थे। यहां से उन्होंने गांधी जी को अपने खून से एक पत्र लिखा कि वे डांडी मार्च मे शामिल होना चाहते हैं, पर उन्हे खुखरी चलानी आती है चर्खा चलाना नहीं। गांधी जी ने उन्हे डांडी यात्रा में शामिल होने के लिये बुला लिया। इसके बाद वे स्वाधीनता संग्राम में कूद पडे। बहुत बार जेल गये। अरुणा आसाफ अली के साथ भी रहे। नेहरूग्राम में उनके नाम की सड़क है। उनके नाम से दून में फुटबाल टूर्नामेंट भी होता है। लेकिन उनका दून में कोई स्मारक नहीं है। अनेक इतिहासकारों ने उन पर लिखा है।

आज मुख्य अतिथि श्री सहदेव पुंडीर जी विधायक सहसपुर विधानसभा उत्तराखण्ड ने इस स्मारक के जीर्णोद्धार एवं इस  ऐतिहासिक स्थलको नई पहचान दिलाने हेतु  हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने ट्रस्ट की अध्‍यक्षा श्रीमती कमला थापा जी और उनकी टीम को इस स्मारक स्थल के जीर्णोद्धार हेतु पहल के प्रयास की सराहना भी की।गोर्खाली सुधार सभा की अध्‍यक्ष श्री पदम सिंह थापाजी ने भी इस कार्य हेतु सभी से सहयोग का आह्वान भी किया। आज इस अवसर पर संगीतप्रेमी संस्था के कलाकारों ने देशभक्ति गीतों की एवं मीनू आले ग्रुप के बाल कलाकारो ने सुंदर नृत्यों की प्रस्तुतियाँ दीं। कार्यक्रम का संचालन श्री देविन शाही ने किया।

इस अवसर पर श्री आनंद कुमार थापा, श्री मधुसूदन शर्मा , श्री प्रेम क्षेत्री, श्रीमती अनिता क्षेत्री , श्री श्याम राना, श्रीमती देवमाया गुरूंग , श्रीमती पुष्पा क्षेत्री, श्रीमती पूनम गुरुंग , श्रीमती विनिता खत्री ,श्री राजेंद्र गुरूंग, श्री शमशेर थापा ,श्री शेरजंग राना ,श्री अनिल थापा श्री मोहन क्षेत्री , श्री उदय ठाकुर , श्री संजय थापा , स्थानीय क्षेत्रवासी एवं वरिष्ठ महानुभावजन उपस्थित थे ।

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