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जम्मू में दोहरा आतंकी हमला, 10 सैन्य अफसर और 2 जवान शहीद


जम्मू : जम्मू कश्मीर में हुए आज दोहरे आतंकी हमलों के बाद आतंकियों और सेना के बीच की मुठभेड़ खत्म हो गई है. अभी तक 8 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो गई है, जबकि 2 आतंकियों को भारतीय सेना ने मार गिराया. मुठभेड़ के बाद सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है. इस मुठभेड़ में लेफ्टिनेंट कर्नल परमजीत सिंह शहीद हो गए.इन हमलों के बाद आर्मी कैंप से इसरार खान ने कहा, 'सुबह ये हमला किया गया. हीरानगर पुलिस स्टेशन पर 3 आतंकवादियों ने वारदात को अंजाम दिया था. घुसपैठ के लिए यह पुराना रूट है. हमारे 5 अधिकारी आज शहीद हो गए. अभी भी मुठभेड़ जारी है. ये कोई नया ग्रुप है.10 अधिकारी को 2 जवान इस मुठभेड़ में शहीद हो चुके हैं.'आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह न्यूयॉर्क गए हुए हैं.

वहां रविवार को पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के साथ उनकी मुलाकात प्रस्तावित है. प्रधानमंत्री बनने के बाद शरीफ पहली बार मनमोहन सिंह से मिलेंगे. सांबा में आतंकवादियों का गुट सेना की 16 कैवेलरी रेजिमेंट के कैंप में जबरन घुस गया है. सांबा में सेना और आतंकवादियों की इस मुठभेड़ में एक जवान और एक लेफ्टिनेंट कर्नल शहीद हुए हैं, जबकि कई जवान घायल हुए हैं. जम्मू-पठानकोट हाइवे को बंद कर दिया गया है. आतंकवादी अभी भी आर्मी कैंप में मौजूद हैं.इससे पहले कठुआ में इन्हीं आतंकवादियों ने हीरानगर पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिया था. सुबह करीब 6:30 बजे हीरानगर थाने में हुए इस हमले में कुल 5 लोग मारे गए. इनमें 4 पुलिसकर्मी और एक नागरिक शामिल हैं.

सूत्रों ने बताया, 'आतंकवादियों ने हीरानगर पुलिस थाने में गुरुवार सुबह हमले के लिए ग्रेनेड और स्वचालित हथियार का इस्तेमाल किया.' बताया जा रहा है कि 3 आतंकवादी ऑटो रिक्शा में सवार होकर हीरानगर थाने पहुंचे थे. हमला करने के बाद वे ट्रक से फरार हो गए. हमले के वक्त ट्रक उसी थाने में मौजूद था. इस हमले में ट्रक ड्राइवर की भी मौत हो गई. जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इन हमलों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'जब भी कभी बातचीत से मसले को हल करने की कोशिश की जाती है. तो ऐसे हमलों से इसे पटरी से उतारने की कोशिश की जाती है. यह प्रधानमंत्री के ऊपर है कि वो किस तरह से ये मामला सुलझाते हैं, लेकिन हम प्रतिबद्ध हैं कि शांतिपूर्ण तरीके से विवाद को हल करें.'

आतंकवादी हमले के चश्मदीद का बयान
'मैं सुबह टहलने को निकला था. मैंने देखा तीन आतंकवादी ऑटो में सवार होकर आए. वो ऑटो से उतरे और ऑटो ड्राइवर को गोली मार दी. फिर उन्होंने वहां एक दुकानदार को गोली मारी. इसके बाद वो पुलिस स्टेशन में घुसकर गोलीबारी करने लगे. मेरे तो होश उड़ गए और मैं वहां से भाग आया.'

2008 में भी हो चुके हैं ऐसे हमले
2008 सांबा हादसाः 3 आतंकी इसी तरह से भारतीय सीमा में घुसे थे, उन्होंने एक टेंपो हाईजैक किया था, जीपीएस का इस्तेमाल करके ये आतंकी ब्रिगेड हेडक्वाटर्स तक पहुंचे थे और वारदात को अंजाम दिया था.
2008 चिनूर हादसाः 3 आतंकियों ने मिल्क वैन का इस्तेमाल किया था. 2008 में ही हुए इस हमले में उनके निशाने पर अखनूर के पंडित थे.

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