अधिक बारिश और हड़ताल से दार्जिलिंग चाय का भाव गिरा
दार्जिलिंग। अधिक बारिश और गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) की हड़ताल से दार्जिलिंग की पहाड़ियों पर चाय इंडस्ट्री को तगड़ा झटका लगा है। पिछले साल दार्जिलिंग चाय की कीमत 50 फीसदी से अधिक कम हो गई थी। इससे करेंट फिस्कल ईयर में चाय कंपनियों के प्रॉफिट पर असर पड़ने की आशंका है। कोलकाता नीलामी में दार्जिलिंग चाय की अंतिम तीन सेल्स (सेल 36, 37 और 38) में तेजी से घटी हैं। एक किलो दार्जिलिंग चाय का दाम सेल 36 में 211 रुपए रहा, जबकि पिछले साल इस वक्त यह 423 रुपए था। हालांकि, बाद की दो नीलामियों में दाम में कुछ बढ़ोतरी हुई। हालांकि, यह अभी भी पिछले साल की कीमत से काफी कम है। सेल 37 में दार्जिलिंग चाय का दाम 283 रुपए था, जो पिछले साल 393.64 रुपए था। सेल 38 में इसकी कीमत 263.39 रुपए थी, जो पिछले साल 385 रुपए थी।
दार्जिलिंग टी एसोसिएशन (डीटीए) के चेयरमैन एस एस बागड़िया कहते हैं, 'एक तरफ अधिक बारिश से चाय की क्वालिटी खराब हो रही है, दूसरी तरफ हड़ताल से हालात बिगड़ रहे हैं। जीजेएम की हड़ताल से टी एस्टेट्स में चाय का स्टॉक बढ़ता ही जा रहा है। दार्जिलिंग चाय के सबसे बड़े खरीदार टाटा ग्लोबल बेवरेजेज ने नीलामी में एक्सपोजर घटा दिया है। कंपनी क्वालिटी की वजह से नीलामी में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। इससे भी मार्केट सेंटीमेंट पर असर पड़ा है। कई एक्सपोर्ट ऑर्डर कैंसल हो रहे हैं। इससे भी मार्केट में चाय की सप्लाई बढ़ी है। इन मुश्किलों से चाय की कीमत पर असर पड़ना तय है।' डीटीए चेयरमैन ने कहा कि दार्जिलिंग चाय के दाम में तेज गिरावट से टी कंपनियों के प्रॉफिट पर असर पड़ना तय है। उधर, कलकत्ता टी ट्रेडर्स एसोसिएशन के जे कल्याणसुंदरम ने कहा कि यह कुछ समय की बात है और जल्द ही दाम बढ़ेंगे।
दार्जिलिंग टी एसोसिएशन (डीटीए) के चेयरमैन एस एस बागड़िया कहते हैं, 'एक तरफ अधिक बारिश से चाय की क्वालिटी खराब हो रही है, दूसरी तरफ हड़ताल से हालात बिगड़ रहे हैं। जीजेएम की हड़ताल से टी एस्टेट्स में चाय का स्टॉक बढ़ता ही जा रहा है। दार्जिलिंग चाय के सबसे बड़े खरीदार टाटा ग्लोबल बेवरेजेज ने नीलामी में एक्सपोजर घटा दिया है। कंपनी क्वालिटी की वजह से नीलामी में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। इससे भी मार्केट सेंटीमेंट पर असर पड़ा है। कई एक्सपोर्ट ऑर्डर कैंसल हो रहे हैं। इससे भी मार्केट में चाय की सप्लाई बढ़ी है। इन मुश्किलों से चाय की कीमत पर असर पड़ना तय है।' डीटीए चेयरमैन ने कहा कि दार्जिलिंग चाय के दाम में तेज गिरावट से टी कंपनियों के प्रॉफिट पर असर पड़ना तय है। उधर, कलकत्ता टी ट्रेडर्स एसोसिएशन के जे कल्याणसुंदरम ने कहा कि यह कुछ समय की बात है और जल्द ही दाम बढ़ेंगे।
अभी एस्टेट्स में पड़े पूरे स्टॉक को नीलामी में नहीं लाना संभव नहीं हो पा रहा है। कुछ चाय की क्वालिटी अच्छी है, लेकिन दाम कम होने के चलते उन्हें नीलामी के लिए लाना संभव नहीं हो पा रहा है। कीमतों में रिकवरी के बाद वे चाय भी नीलामी में आने लगेंगी।बहरहाल, डोमेस्टिक नीलामी में कीमतें भले ही गिर रही हों, लेकिन मॉस्को में चैरिटी ऑक्शन में इसकी कीमत सातवें आसमान पर थी। दार्जिलिंग चाय को यहां 45,000 रूबल यानी करीब 88,000 रुपए प्रति 1.2 किलोग्राम का प्राइस मिला। कैसलटन एस्टेट की चाय को सबसे अधिक 45,000 रूबल की कीमत मिली। आमतौर पर ऐसे ऑक्शन में 20 एस्टेट्स से फर्स्ट फ्लश हाई क्वालिटी दार्जिलिंग चाय को काफी पसंद किया जाता है।
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