83 साल पुरानी नीरमहल की मरम्मत के लिए 50 करोड़ की योजना
अगरतला : त्रिपुरा की कम्युनिस्ट सरकार ने पूर्वी भारत में विशाल रुद्रसागर
झील के मध्य स्थित 83 साल पुराने एकमात्र भव्य नीरमहल की मरम्मत के लिए 50
करोड़ रुपये की योजना का खाका तैयार किया है। त्रिपुरा के तत्कालीन राजा
वीर विक्रम किशोर माणिक्य बहादुर ने वर्ष 1930 में रुद्रसागर के बीचोबीच
अपने आवास 'नीरमहल' का निर्माण कराया था। अगरतला से 55 किलोमीटर दूर 364 एकड़ जलक्षेत्र वाली यह झील भारत की
राष्ट्रीय झीलों में शुमार है। कुल 816 हेक्टेयर में फैली रुद्रसागर झील
वर्तमान में अतिक्रमण, दुरुपयोग और इसके विशाल परिसर में चल रहे ईंट भट्ठों
के कारण सिकुड़-सी गई है।
राज्य पर्यटन निगम के एक अधिकारी ने बताया, "परियोजना पर काम जल्द शुरू
होगा। मरम्मत का अधिकांश काम राज्य का लोक निर्माण विभाग अगले दो वर्षो में
पूरा करेगा।" उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान को अंतिम रूप देने के लिए इस
सप्ताह की शुरुआत में वाम मोर्चा सरकार का नेतृत्व करने वाले त्रिपुरा के
मुख्यमंत्री माणिक सरकार की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी।
मास्टर प्लान में मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के अलावा, गर्मियों और सर्दी के दौरान रुद्रसागर झील के जलस्तर को कम से कम 11 मीटर करना, एक रिंग रोड का निर्माण, वाच टावरों, छोटे कॉटेज और एक थिएटर का निर्माण शामिल है। पर्यावरणविदों, बुद्धिजीवियों, शिक्षाविदों और लेखकों की एक संस्था मुक्त मंच के सचिव अरुण नाथ ने कहा, "ऐतिहासिक नीरमहल होने के बावजूद रुदसागर के अधिकांश हिस्सों पर अतिक्रमण किया गया है।" उन्होंने कहा, "वर्ष 1993 में भारत की 13वीं राष्ट्रीय झील घोषित की गई रुद्रसागर झील में वर्तमान में दो ईंट भट्ठे चल रहे हैं और धान की खेती हो रही है।" करीब 400 मीटर लंबी यह झील हिंदू-मुस्लिम वास्तुकला का मिश्रण है। तत्कालीन राजा के इस आवास में राजा, उनके परिवार और सेवकों के निजी आवास के अलावा 24 कमरे भी हैं।
मास्टर प्लान में मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के अलावा, गर्मियों और सर्दी के दौरान रुद्रसागर झील के जलस्तर को कम से कम 11 मीटर करना, एक रिंग रोड का निर्माण, वाच टावरों, छोटे कॉटेज और एक थिएटर का निर्माण शामिल है। पर्यावरणविदों, बुद्धिजीवियों, शिक्षाविदों और लेखकों की एक संस्था मुक्त मंच के सचिव अरुण नाथ ने कहा, "ऐतिहासिक नीरमहल होने के बावजूद रुदसागर के अधिकांश हिस्सों पर अतिक्रमण किया गया है।" उन्होंने कहा, "वर्ष 1993 में भारत की 13वीं राष्ट्रीय झील घोषित की गई रुद्रसागर झील में वर्तमान में दो ईंट भट्ठे चल रहे हैं और धान की खेती हो रही है।" करीब 400 मीटर लंबी यह झील हिंदू-मुस्लिम वास्तुकला का मिश्रण है। तत्कालीन राजा के इस आवास में राजा, उनके परिवार और सेवकों के निजी आवास के अलावा 24 कमरे भी हैं।


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