सीएम बनने से पहले हरीश रावत ने कार्यकर्ता को जड़ा थप्पड़
देहरादून : उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री बनने जा रहे केंद्रीय जल संसाधन मंत्री हरीश
रावत ने शनिवार दोपहर देहरादून में 'झन्नाटेदार' एंट्री की। नए मुख्यमंत्री
के रूप में औपचारिक ऐलान से पहले देहरादून पहुंचने के बाद हरीश रावत ने
नारे लगा रहे एक कांग्रेस कार्यकर्ता को थप्पड़ जड़ दिया। इस कार्यकर्ता को
सतपाल महाराज खेमे का बताया जा रहा है। हरीश रावत को शनिवार शाम को विधायक
दल का नेता चुना गया और इसके बाद कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने
मुख्यमंत्री के रूप में उनके नाम का औपचारिक ऐलान किया।
हरीश रावत शनिवार सुबह ट्रेन से देहरादून पहुंचे। दून पहुंचने पर रेलवे स्टेशन पर समर्थकों ने उनका जोरदार समर्थन किया। नारे लगाते हुए उन्हें फूल मालाओं से लादकर कांग्रेस कार्यालय ले जाया गया। कांग्रेस ऑफिस में रावत के नाम के ऐलान को लेकर बैठक के दौरान वहां सतपाल महाराज समर्थक भी पहुंच गए। बैठक से निकलते समय रावत को नारेबाजी कर रहे सतपाल समर्थकों ने घेर लिया। एक सतपाल महाराज समर्थक उनके करीब आकर नारेबाजी करने लगा, जिस पर रावत का पारा चढ़ गया। हरीश रावत ने आपा खो दिया और उसे थप्पड़ जड़ दिया। उनका यह थप्पड़ कैमरे में कैद हो गया।
यह थप्पड़ विवाद के बाद शाम को विधायक दल की बैठक में रावत को नेता चुना गया और इस तरह नए मुख्यमंत्री के रूप में उनके नाम का औपचारिक ऐलान किया गया। रावत उत्तराखंड के आठवें मुख्यमंत्री हैं। गौरतलब है कि शुक्रवार को विजय बहुगुणा ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद केंद्रीय मंत्री हरीश रावत का उत्तराखंड का सीएम बनना लगभग तय था। रावत के मुख्यमंत्री बनने पर पूरे प्रदेश में उनके समर्थन के जश्न मनाए जाने की खबरें मिल रही हैं। रावत के लोकसभा क्षेत्र हरिद्वार में भी खुशियां मनाए जाने और मिठाइयां बांटे जाने के समाचार हैं। रावत के अल्मोड़ा जिले में स्थित पैतृक गांव मोहनारी में भी विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है। उनके बचपन के साथी रहे ग्रामीणों ने एक दूसरे को गले मिलकर बधाई दी।
रावत के करीबी माने जाने वाले चंपावत से कांग्रेसी विधायक हेमेश खर्कवाल ने कहा कि पहली बार ऐसा हो रहा है जब जमीन से जुड़ा कोई नेता उत्तराखंड की बागडोर संभालने जा रहा है। रावत के समर्थन में अपनी सीट छोड़ने की पेशकश करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा करने में बहुत खुशी होगी। उन्होंने कहा, 'वैसे भी रावत जी प्रदेश भर में जहां भी नजरे इनायत करेंगे, वह सीट उनके लिए खाली कर दी जाएगी।' रावत वर्तमान में हरिद्वार लोकसभा सीट से सांसद हैं और मुख्यमंत्री का पद संभालने के छह महीने के भीतर उन्हें विधानसभा चुनाव लड़कर विधायक बनना होगा।
हरीश रावत शनिवार सुबह ट्रेन से देहरादून पहुंचे। दून पहुंचने पर रेलवे स्टेशन पर समर्थकों ने उनका जोरदार समर्थन किया। नारे लगाते हुए उन्हें फूल मालाओं से लादकर कांग्रेस कार्यालय ले जाया गया। कांग्रेस ऑफिस में रावत के नाम के ऐलान को लेकर बैठक के दौरान वहां सतपाल महाराज समर्थक भी पहुंच गए। बैठक से निकलते समय रावत को नारेबाजी कर रहे सतपाल समर्थकों ने घेर लिया। एक सतपाल महाराज समर्थक उनके करीब आकर नारेबाजी करने लगा, जिस पर रावत का पारा चढ़ गया। हरीश रावत ने आपा खो दिया और उसे थप्पड़ जड़ दिया। उनका यह थप्पड़ कैमरे में कैद हो गया।
यह थप्पड़ विवाद के बाद शाम को विधायक दल की बैठक में रावत को नेता चुना गया और इस तरह नए मुख्यमंत्री के रूप में उनके नाम का औपचारिक ऐलान किया गया। रावत उत्तराखंड के आठवें मुख्यमंत्री हैं। गौरतलब है कि शुक्रवार को विजय बहुगुणा ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद केंद्रीय मंत्री हरीश रावत का उत्तराखंड का सीएम बनना लगभग तय था। रावत के मुख्यमंत्री बनने पर पूरे प्रदेश में उनके समर्थन के जश्न मनाए जाने की खबरें मिल रही हैं। रावत के लोकसभा क्षेत्र हरिद्वार में भी खुशियां मनाए जाने और मिठाइयां बांटे जाने के समाचार हैं। रावत के अल्मोड़ा जिले में स्थित पैतृक गांव मोहनारी में भी विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है। उनके बचपन के साथी रहे ग्रामीणों ने एक दूसरे को गले मिलकर बधाई दी।
रावत के करीबी माने जाने वाले चंपावत से कांग्रेसी विधायक हेमेश खर्कवाल ने कहा कि पहली बार ऐसा हो रहा है जब जमीन से जुड़ा कोई नेता उत्तराखंड की बागडोर संभालने जा रहा है। रावत के समर्थन में अपनी सीट छोड़ने की पेशकश करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा करने में बहुत खुशी होगी। उन्होंने कहा, 'वैसे भी रावत जी प्रदेश भर में जहां भी नजरे इनायत करेंगे, वह सीट उनके लिए खाली कर दी जाएगी।' रावत वर्तमान में हरिद्वार लोकसभा सीट से सांसद हैं और मुख्यमंत्री का पद संभालने के छह महीने के भीतर उन्हें विधानसभा चुनाव लड़कर विधायक बनना होगा।
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