मेनका गांधी ने जताया एतराज, गोरखा रेजीमेंट बंद का सकती है पशु बलि !
नई दिल्ली। देश में जब गोमांस को बैन करने और ना करने को लेकर बस चल रही है, तब केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने अपने ही कैबिनेट सहयोगी मनोहर पर्रिकर को संकट में डाल दिया है। मेनका गांधी ने भारतीय सेना के कई रेजिमेंटों द्वारा किया जा रहा पशु आहुती कार्यक्रम पर कड़ा एतराज़ जताया है। जानकारी के अनुसार केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के अनुसार भारतीय सेना में गोरखा रेजिमेंट में लगातार कई सदी से परम्परा के नाम पर पशुओं की बलि दी जा रही है। जिसे रोकने के लिए रक्षा मंत्रालय को कदम उठाने चाहिए।
पुरानी रिवायत
पशु-पक्षियों के हक में लगातार लड़ने वाली मेनका गांधी ने पर्रिकर को लिखे एक पत्र में कहा है कि भारतीय सेना के गोरखा रेजीमेंट में पशुओं की बलि की रिवायत को रोका जाए। कहते हैं, गोरखा रेजीमेंट में इस परम्परा का निर्वाह ब्रिटिश काल से हो रहा है।
ब्रिटिश गोरखा और पशु बलि
उनका मानना है कि गोरखा रेजीमेंट में पशु बलि की रिवायत को सही नहीं माना जा सकता है। इसलिए इसे बंद किया जाना चाहिए। उन्होंने अपने पक्ष को मजबूत करने के लिए अपने पत्र में लिखा है कि ब्रिटिश सेना में गोरखा रेजीमेंट पशुओं की बलि देना करीब 30 साल पहले बंद कर चुका है। जानकारों का कहना है कि भले ही मेनका गांधी कुछ भी चाहें, पर उनकी इस मांग को सेना नहीं मानेगी। गोरखा रेजीमेंट में चल रही यह परम्परा जारी ही रहेगी। सरकार इस मसले पर कोई कदम नहीं उठाएगी।
पुरानी रिवायत
पशु-पक्षियों के हक में लगातार लड़ने वाली मेनका गांधी ने पर्रिकर को लिखे एक पत्र में कहा है कि भारतीय सेना के गोरखा रेजीमेंट में पशुओं की बलि की रिवायत को रोका जाए। कहते हैं, गोरखा रेजीमेंट में इस परम्परा का निर्वाह ब्रिटिश काल से हो रहा है।
ब्रिटिश गोरखा और पशु बलि
उनका मानना है कि गोरखा रेजीमेंट में पशु बलि की रिवायत को सही नहीं माना जा सकता है। इसलिए इसे बंद किया जाना चाहिए। उन्होंने अपने पक्ष को मजबूत करने के लिए अपने पत्र में लिखा है कि ब्रिटिश सेना में गोरखा रेजीमेंट पशुओं की बलि देना करीब 30 साल पहले बंद कर चुका है। जानकारों का कहना है कि भले ही मेनका गांधी कुछ भी चाहें, पर उनकी इस मांग को सेना नहीं मानेगी। गोरखा रेजीमेंट में चल रही यह परम्परा जारी ही रहेगी। सरकार इस मसले पर कोई कदम नहीं उठाएगी।
हालांकि कुछ जानकार मानते हैं कि उत्तराखंड सरकार ने भी प्रदेश में पशुओं की किसी धार्मिक आयोजन या अनुष्ठान के लिए बलि चढ़ाने पर रोक लगा दी है। इसलिए सेना को भी उतराखंड सरकार के उदाहरण का पालन करना चाहिए। बात दें कि भारतीय सेना में गोरखा रेजीमेंट अपनी वीरता के लिए मशहूर रहा है। इसके काफी तादाद में जवान नेपाल से संबंध रखते हैं। इसके अलावा दार्जिलिंग और उत्तराखंड के गोरखाओं को भी इसमें शामिल किया जाता है।
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