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दार्जिलिंग पहाड़ पर भाषा विवाद ने अब पकड़ा तूल ,अगले 48 घंटे तक सभी स्कूल-कॉलेज बंद


दार्जिलिंग : दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में नेपाली भाषा के ऊपर बांग्ला भाषा थोपे जाने का विरोध को लेकर आज से 48 घंटे का स्कूल-कॉलेज बंद शुरू हो गया है। आज  दिनों तक पार्वती क्षेत्र के समस्त स्कूल-महाविद्यालय राज्य सरकार के नीतियों के खिलाफ पूर्ण रूप से बंद रहेंगे। साथ ही बीते शाम को जीटीए सभा की बैठक में गोरखा रंग मंचभवन के जीटीए सभा में हुयी। इसमें सभी निर्वाचित सभासद उपस्थित थे. बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए डॉ लामा ने कहा कि त्रिपक्षीय समझौते के अनुरूप जीटीए क्षेत्र में समस्याओं के समाधान का अधिकार जीटीए सभा को मिला है. सरकार को जीटीए सभा द्वारा पारित प्रस्ताव मानना होगा. अगर सरकार इस प्रस्ताव को नहीं मानती है तो यह जीटीए समझौते का उल्लंघन होगा. उन्होने यह भी कहा कि प्राइमरी स्कूलों में खाली पदों को भरने के लिए जीटीए सभा एक कमेटी बनायेगी.

सिन्कोना बगान में ग्रुप डी के खाली पदों को भरने के लिए भी कमेटी बनायी जायेगी. ऐसे सभी प्रस्तावों को मंजूरी के राज्य सरकार के पास भेजा जायेगा. इससे पहले जीटीए सभा को संबोधित करते हुए लामा ने कहा कि बंगाल सरकार ने बांग्ला भाषा को अनिवार्य रूप में प्रयोग करने का जो निर्देश दिया है,उसको सहन नहीं करेंगे. सरकार जबरदस्ती करेगी तो बंगाल के सभी स्कूलों में नेपाली भाषा का भी प्रयोग करना होगा .नेपाली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में भी मान्यता मिली हुई है. उन्होंने यह भी कहा कि जीटीए क्षेत्र के सभी दुकानों में अब नेपाली भाषा में साइन बोर्ड लिखना होगा. ऐसा नही करने वाले दुकादारों की लाइसेंस रद्द कर दिया जायेगा. उन्होंने यह भी कहा कि नेपाली भाषा पर अतिक्रमण के विरोध में 4 से 8 जून तक विरोध रैली निकलेगी. इसमें जीटीए चीफ से लेकर सभी सभासद तक उपस्थित रहेंगे.


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