गोरखा मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गठित की जांच समिति, विमल गुरुंग ने दिए 31 अक्टूबर तक पहाड़ लौटने के संकेत
दार्जिलिंग : आखिरकार दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में गोरखा जाति व उनकी समस्याओं को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया है। मंत्रालय सूत्रों के अनुसार जांच समिति जल्द ही दार्जिलिंग आकर मौका मुआयना कर जांच प्रारंभ करेगी। उक्त जानकारी दार्जिलिंग सांसद सह केंद्रीय मंत्री एसएस आहलूवालिया ने दी। वहीं जांच दल गठन पर सियासत तेज हो गई है। पूर्व जीटीए सुप्रीमो विमल गुरुंग द्वारा जारी ताजा आडियो टेप में जांच दल गठन का स्वागत करते हुए कहा गया है कि जांच समिति गोरखा समुदाय की तमाम समस्याओं का समाधान होने की दिशा में हमारी बड़ी जीत है।हमारे अनुरोध और दबाव के चलते ही गृह मंत्रालय ने उक्त कदम उठाया है। गुरुंग ने जारी आडियो टेप में आगामी 31 अक्टूबर तक पहाड़ लौटने की भी बात कही है।
वहीं कालिम्पोंग में बीओए मौजूद अध्यक्ष विनय तामांग ने कहा कि गृह मंत्रालय को उनके द्वारा जांच समिति गठन को लेकर कई बार पत्र लिखा गया था। यदि आवश्यकता पड़ी तो 16 अक्टूबर को प्रस्तावित राज्य सरकार से वार्ता से पूर्व 14 अक्टूबर को मंत्रालय में विचार विमर्श के लिए दिल्ली भी जा सकते हैं। तामांग ने तीन चार माह में ही गोरखालैंड राज्य के संबंध में कुछ सकारात्मक हो सकता है। उन्होने गोरखालैंड के लिए आवश्यकता पड़ने पर कभी भी आमरण अनशन पर बैठने की चेतावनी देते हुए कहा कि जो भी गोरखालैंड राज्य गठन के लिए समर्पित होगा उसका स्वागत है। तामांग ने कटाक्ष करते हुए कहा कि यदि विमल गुरुंग या रोशन गिरी चाहें तो उनके आमरण अनशन में साथ दे सकते हैं। ऐसा करने से पता चल जाएगा कि कौन गोरखालैंड राज्य के लिए गंभीर है।


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