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125 करोड़ में फुटबॉल के 11 खिलाड़ी नहीं! क्यों?- बाइचुंग

गंगटोकसवा सौ करोड़ की आबादी वाले देश में फुटबॉल के 11 खिलाड़ी नहीं! क्यों? विश्वस्तरीय मैचों की तो बात ही बेमानी है। फुटबॉल का क्रेज कम नहीं, पर कारण है इसके प्रति उदासीनता और प्रोत्साहन का अभाव। बिहार-झारखंड-यूपी जैसे राज्यों को भी आगे आना होगा, तभी बात बनेगी। इसी 125 करोड़ की आबादी में से 11 खिलाड़ियों की टीमें निकलेंगी। भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान बाइचुंग भूटिया को यह साल रहा कि इतने विशाल मानव संसाधन वाले देश में हमारे पास विश्वस्तरीय टीम क्यों नहीं? पश्चिम बंगाल में तो गली-गली फुटबॉल मैच होता है। झारखंड में क्रेज यह कि गांव-गांव मैच में शील्ड के रूप में खस्सी-मुर्गा रखे जाते हैं। बिहार-यूपी में भी शाम होते ही गेंदें उछलने लगती है।

जब उनसे पूछा कि क्या वे फुटबॉल को आगे बढ़ाने के लिए जगह-जगह से खिलाड़ियों की तलाश करेंगे? भूटिया ने कहा, हम अपने क्लब में वहां के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को जरूर शामिल करना चाहेंगे। इन राज्यों में भी पहला काम होना चाहिए क्लबों की स्थापना। दूसरा, इसके विकास के लिए निवेशकों की सहभागिता। भूटिया यूनाइटेड सिक्किम फुटबाल क्लब के संस्थापक भी हैं और बच्चों-युवाओं को प्रशिक्षण दे रहे। उन्होंने कहा कि मौजूदा हाल में तो इन राज्यों से भारत के सेकेंड डिवीजन की आई लीग चैंपियनशिप प्रतियोगिता लायक एक क्लब तक नहीं बन सकता। यहां वे किसी भी तरह की मदद को तैयार हैं।

फिलहाल सिलीगुड़ी व सिक्किम में एक अकादमी खोलने की योजना बनाई है। कहा- अब अपने देश में भी फुटबॉल अकादमी जरूरी है, ताकि खिलाड़ियों को व्यावसायिक रूप से तैयार किया जा सके। सिलीगुड़ी में 30 एकड़ जमीन उपलब्ध हुई है। यहां शीघ्र ही फुटबॉल अकादमी की स्थापना होगी। इसके लिए पश्चिम बंगाल सरकार का आभार जताते हुए कहा कि वे यहां के ब्रांड एबेसडर भी हैं। सिक्किम में भी फुटबॉल अकादमी के लिए जमीन की तलाश की जा रही है। राज्य सरकार ने पूर्वी सिक्किम आसाम लिंगजे में 10 एकड़ जमीन देने का वादा किया है। भूटिया ने कहा कि यूनाइटेड फुटबॉल क्लब को व्यावसायिक टीम के रूप में स्थापित करने में वे जुटे हैं। क्लब को मजबूत बनाने के लिए बेल्जियम के पूर्व खिलाड़ी फिलिप राइडर को कोच के रूप में नियुक्त किया है।

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