जसवंत सिंह संसद में उठाएं गोरखालैंड की आवाज- क्षेत्री
दार्जिलिंग। गोजमुमो में साहस है तो वह अपने विधायक व सांसद को गोरखालैंड की मांग सदन में उठाने का निर्देश दे। यह बातें क्रामाकपा के केंद्रीय प्रवक्ता गोविंद क्षेत्री ने शुक्रवार को यहां कही। विगत दिवस गुरुवार को गोजनामो द्वारा गोरखालैंड समर्थित सभी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं से गोजमुमो में शामिल होने व अन्य राजनीतिक संगठन का झंडा त्यागने का किए गए आह्वान के जवाब में क्रामाकपा प्रवक्ता ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उक्त बातें कही। गोविंद क्षेत्री ने कहा कि विगत लोकसभा चुनाव में गोजमुमो समर्थित व भाजपा प्रत्याशी जसवंत सिंह को विजयी बनाने के लिए होने वाली चुनावी सभाओं में गोजमुमो ने जसवंत सिंह के जीतने पर गोरखालैंड का गठन अवश्य होने की बात कही थी। उस समय गोजमुमो समर्थित भाजपा प्रत्याशी जसवंत सिंह ने गोरखालैंड समर्थित जनता से गोरखालैंड की आवाज सदन में उठाने का आश्वासन दिया था।
गोविंद क्षेत्री ने कहा कि गोजमुमो समर्थित सांसद जसवंत सिंह ने सदन में कितने बार गोरखालैंड की आवाज उठाई। इसका गोजमुमो खुलासा करे। इसी तरह विगत विधानसभा चुनाव में भी गोजमुमो समर्थित उम्मीदवारों ने विधानसभा पहुंचते ही गोरखालैंड की मांग सदन में उठाने का वादा किया था और जनता ने उन्हें भारी मत से विजयी बनाया। इसके बाद गोजमुमो समर्थित विधायकों ने विधानसभा में कितनी बार गोरखालैंड की आवाज उठाई। गोजमुमो को जनता के समक्ष इसका खुलासा करना होगा। गोविंद क्षेत्री ने कहा कि गोजनामो ने जो आह्वान किया है वह सरासर अलोकतांत्रिक है। उन्होंने गोजमुमो की तरफ इशारा करते हुए कहा कि अगर वह खुद को लोकतंत्र का हिमायती कहता है तो पहले अपने सांसद व विधायकों को सदन में गोरखालैंड की आवाज उठाने का हुक्म दे।
उन्होंने कहा कि गोजमुमो व नारी मोर्चा खुद को गणतंत्रवादी कहता है परन्तु अन्य राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ताओं को पार्टी छोड़ने व झंडा त्यागने की बात कहकर गोजमुमो स्पष्ट रूप से अलोकतांत्रिक कार्य कर रहा है। क्रामाकपा प्रवक्ता ने कहा कि गोजमुमो ने गोरखालैंड की हुंकार कर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है यदि गोजमुमो गोरखालैंड गठन करने के लिए गंभीर है तो प्रस्तावित जीटीए समझौता रद करके गोरखालैंड राज्य के गठन के लिए सड़क पर उतरकर आंदोलन करे। उन्होंने कहा कि जब गोरखालैंड की मांग को लेकर गोजमुमो खामोश है परन्तु इसी गोजमुमो के सहायक संगठन युवा मोर्चा व नारी मोर्चा की गोरखालैंड की मांग को गोजमुमो की दोहरी नीति के अलावा और कुछ नहीं होने का आरोप क्रामाकपा केंद्रीय प्रवक्ता गोविंद क्षेत्री ने लगाया।
(साभार - जागरण)
गोविंद क्षेत्री ने कहा कि गोजमुमो समर्थित सांसद जसवंत सिंह ने सदन में कितने बार गोरखालैंड की आवाज उठाई। इसका गोजमुमो खुलासा करे। इसी तरह विगत विधानसभा चुनाव में भी गोजमुमो समर्थित उम्मीदवारों ने विधानसभा पहुंचते ही गोरखालैंड की मांग सदन में उठाने का वादा किया था और जनता ने उन्हें भारी मत से विजयी बनाया। इसके बाद गोजमुमो समर्थित विधायकों ने विधानसभा में कितनी बार गोरखालैंड की आवाज उठाई। गोजमुमो को जनता के समक्ष इसका खुलासा करना होगा। गोविंद क्षेत्री ने कहा कि गोजनामो ने जो आह्वान किया है वह सरासर अलोकतांत्रिक है। उन्होंने गोजमुमो की तरफ इशारा करते हुए कहा कि अगर वह खुद को लोकतंत्र का हिमायती कहता है तो पहले अपने सांसद व विधायकों को सदन में गोरखालैंड की आवाज उठाने का हुक्म दे।
उन्होंने कहा कि गोजमुमो व नारी मोर्चा खुद को गणतंत्रवादी कहता है परन्तु अन्य राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ताओं को पार्टी छोड़ने व झंडा त्यागने की बात कहकर गोजमुमो स्पष्ट रूप से अलोकतांत्रिक कार्य कर रहा है। क्रामाकपा प्रवक्ता ने कहा कि गोजमुमो ने गोरखालैंड की हुंकार कर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है यदि गोजमुमो गोरखालैंड गठन करने के लिए गंभीर है तो प्रस्तावित जीटीए समझौता रद करके गोरखालैंड राज्य के गठन के लिए सड़क पर उतरकर आंदोलन करे। उन्होंने कहा कि जब गोरखालैंड की मांग को लेकर गोजमुमो खामोश है परन्तु इसी गोजमुमो के सहायक संगठन युवा मोर्चा व नारी मोर्चा की गोरखालैंड की मांग को गोजमुमो की दोहरी नीति के अलावा और कुछ नहीं होने का आरोप क्रामाकपा केंद्रीय प्रवक्ता गोविंद क्षेत्री ने लगाया।
(साभार - जागरण)
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