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गोरखालैंड के विरोध मे उत्तर बंगाल मे जीवन अस्त व्यस्त



उत्पात करते समिति समर्थक

सिलीगुड़ी से मिले समाचारों के अनुसार उत्तर बंगाल मे बंद से सामान्य जीवन गुरुवार को बंगाल के छह जिलों में गोरखालैंड समूहों द्वारा की गई बंद से प्रभावित रहा। इस उत्तर बंगाल बंद के दौरान आमरा बंगाली और बांग्ला भाषा बचाओं समिति द्वारा गोरखा जनमुक्ति मोर्चा की गोरखालैंड राज्य के मांग के विरोध मे तथा कथित तौर पर हिंसा में शामिल होने के आरोप मे मोर्चा नेताओं की गिरफ्तारी और नेपालियों की पहाडी क्षेत्रो मे घुसपैठ रोकने के विरोध में एक सभा को बुलाया गया था।
बहरहाल बंद के लिए तीन पहाड़ी उप जिला दार्जिलिंग में इन समितियों का आह्वान बुरी तरह असफल़ रहा क्योंकि समिति के नाम पर इन संगठनो के द्वारा भी हिंसा भड़काने के आरोप भी आए दिन लगते रहे है इसलिए उक्त समितियों का संपूर्ण पहाडी क्षेत्रो मे ज़रा सा भी जनाधार नही है तथा मैदानी जिले कूचबिहार सीपीआई (एम) के पार्टी कार्यकर्ता चंडी पॉल पर तूफानगंज के एक गांव में बुधवार को हुए कथित हमले के विरोध में सांझ बंद बुलाने के आह्वान को क्षेत्र की जनता ने सिरे से नकार दिया जिससे इन वामदलों और समितियों का पूरे गोरखालैंड क्षेत्र मे कोई जड़ न होने के बावजूद हिंसा द्वारा पूरे इलाके को अशान्त करने का मकसद कामयाब न होता दिखाई दे रहा है । महानिरीक्षक पुलिस (उत्तर बंगाल), के एल तांता ने मीडिया को बताया कि उत्तर बंगाल में बंद आंशिक असर और वहाँ पर कुछेक अप्रिय घटना की रिपोर्ट थी ।


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