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जनमुक्ति मोर्चा असहयोग आन्दोलन शुरू करेगा


गोरखा जनमुक्ति मोर्चा द्वारा प्रस्तावित गैर सहयोग आन्दोलन की चेतावनी से दार्जिलिंग हिल्स एवं बंगाल सरकार के सियासतदानों में हलचल सी मच गई है । पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अशोक मोहन चक्रवर्ती ने मोर्चा के इस फैसले के जवाब में कहा कि यदि मोर्चा के द्वारा पूरे पहाडी क्षेत्र में लोगो से आह्वान किया जाता है कि वो कर आदि का भुगतान न करे तो सरकार को भी इसके परिणामस्वरूप कड़े फैसले लेने पड़ेंगे और सरकार द्वारा प्रदत्त सेवाओ को तत्काल प्रभाव से पूरे प्रस्तावित गोरखालैंड इलाके से मरहूम कर दिया जाएगा।
इससे पूर्व जनमुक्ति मोर्चा के नेता बेनोय तमांग ने बुधवार को पार्टी के गैर सहयोग आन्दोलन कि जानकारी देते हुए मीडिया को बताया कि यदि सरकार अपने रुख से नही हिलता है तो राज्य को करों के भुगतान ७ मार्च से देना बंद कर दिया जाएगा ।पहाड़ियों में गोरखालैंड सहयोग आंदोलन के लिए मोर्चा स्वयं पहाड़ियों में टैक्स जमा करेगा जो पार्टी कोष में जाएगा और समूचे क्षेत्र के विकास में लगाया जायेगा।
"यदि सभी सेवाएं वापस लिया जाता है, तो मोर्चा तुरंत एनएचपीसी ने जो निश्चित रूप से सिलीगुड़ी और अन्य मैदानी क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति करता है को पहाडियों में स्थापित विद्युत उत्पादन केन्द्रों से उत्पादन बंद कराएगी।
तमांग ने बताया कि दूअर्स में गोरखाओं और आदिवासियों के बीच बिगड़ते संबंधो के लिए सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) जिम्मेदार है क्योंकि क्षेत्र के जनजातीय लोगों का बहुमत प्रस्तावित गोरखालैंड में दूअर्स को शामिल किए जाने की मांग का समर्थन कर रहा है।उन्होंने कहा कि "किसी भी हालत में हम गोरखालैंड में दूअर्स है और तराई के शामिल किए जाने की माँग नही छोडेंगे"।
इस बीच, अखिल भारत आदिवासी विकास परिषद् समन्वयन समिति के सचिव राजेश लाकरा ने कहा कि यदि मोर्चा औपचारिक रूप से प्रस्तावित गोरखालैंड में दूअर्स के शामिल किए जाने के लिए अपनी मांग को वापस नहीं लेता है तो परिषद् दूअर्स में अपने आंदोलन को और मजबूत करेगा।

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