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जीटीए को लेकर बनी अजीबोगरीब स्थिति

दार्जिलिंग. गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन को लेकर अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई है। केंद्र, राज्य सरकार गोजमुमो के बीच हुए त्रिपक्षीय समझौते के बाद दो सितंबर को विधानसभा में इसे पारित किया जाना है। ऐसे में पहाड़ के विपक्षी दलों ने गोजमुमो पर हमला करना शुरू कर दिया है कि यह प्रस्तावित जीटीए नहीं है और सरकार ने इसमें फेरबदल कर दिया है। गोरामुमो को छोड़ गोरखालीग क्रामाकपा ने मोर्चा नेताओं के खिलाफ तल्ख तेवर दिखाने शुरू कर दिये हैं। इस बीच मोर्चा नेताओं ने भी कोलकाता में डेरा डाल लिया है और बातचीत में साफ किया कि वह विधानसभा में पारित होने वाले जीटीए मसौदे का अध्ययन कर रहे हैं।गौरतलब है कि पिछले 18 जुलाई को पिंटेल विलेज में त्रिपक्षीय समझौता हुआ था और प्रस्तावित जीटीए की प्रतियां भी बांटी गई थीं। इस बीच चर्चा में यह बात आई कि दो सितंबर को इसे पारित किया जाएगा और इसमें कुछ फेरबदल किया गया है।
इसकी सूचना मिलते ही गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के कई नेता कोलकाता रवाना हो गए। आनन-फानन में विधानसभा में पारित होने वाले जीटीए मसौदे का अध्ययन भी शुरू कर दिया गया, लेकिन मोर्चा के वरिष्ठ नेता इस मसौदे को लेकर कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं। ऐसी स्थिति में स्थानीय दलों ने गोजमुमो पर शब्द बांण छोड़ने शुरू कर दिए हैं। इस बाबत अखिल भारतीय गोरखालीग के महासचिव लक्ष्मण प्रधान ने दावा किया कि पिछले दिनों 18 जुलाई को सिलीगुड़ी के पिंटेल विलेज में गोरखालैंड स्थानीय प्रशासन को लेकर जिस बिल पर त्रिपक्षीय समझौता हुआ था, उसमें फेरबदल कर दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि जो कार्य गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने गोरखा समुदाय के लोगों के साथ किया है, वही अब उसके साथ हो रहा है। यह पार्टी धोखेबाज नेताओं से भरी हुई है और इसका परिणाम अब सामने आने लगा है। यह दस्तावेज 18 जुलाई को हुए समझौते की तरह नहीं है। प्रदेश सरकार ने इसमें बदलाव कर दिया है और ऐसे में समझा जा सकता है कि प्रस्तावित जीटीए में परिवर्तन होगा तो इसका सीधा असर आम जनता को भुगतना पड़ेगा। क्रांतिकारी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता गोविंद क्षेत्री ने कहा कि मोर्चा को हर बात की जानकारी है और वह गोरखाओं की भावना से कई दिनों से खेल रही है।
प्रस्तावित जीटीए में गोरखा समुदाय के लिए कुछ भी नहीं है। इस बीच कोलकाता से फोन पर बातचीत के दौरान गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता कालिम्पोंग के विधायक डॉ. हर्क बहादुर क्षेत्री ने साफ किया कि वह जीटीए मसौदे का अध्ययन कर रहे हैं। उनको मिले मसौदे में बदलाव के सवाल पर उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि बिना अध्ययन किये इस मसौदे को पारित नहीं कराया जाएगा और ही इस बाबत कोई बात सार्वजनिक की जाएगी।

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