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सिक्किम भूकम्प : मृतकों की संख्या 23 हुई

गंगटोक। देश के पूर्वी और उत्तरी हिस्से में रविवार को आए भूकम्प में मरने वालों की संख्या बढ़कर कम से कम 23 हो गई है, जबकि 200 लोग घायल हुए हैं। 6.8 रिक्टर पैमाने के इस भूकम्प का केंद्र सिक्किम और नेपाल की सीमा पर था। गंगटोक स्थित केंद्रीय नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने कहा, "अब तक हमें 23 लोगों के मरने और 200 से अधिक के घायल होने की जानकारी मिली है। मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि दूर-दराज के क्षेत्रों से हमें बड़े पैमाने पर क्षति और नुकसान की खबर मिली है।" केंद्र सरकार के अधिकारियों ने हालांकि मृतकों की संख्या 18 बताई है, लेकिन सिक्किम का आंकड़ा अधिक है। भूकम्प के कारण 25 पुल में दरारें आ गई हैं। भूस्खलन के कारण विभिन्न सड़कों पर भी दरारें देखी गई हैं। सिक्किम के सूचना मंत्री सी। बी. कारकी ने कहा, "इस वक्त सबसे बड़ी चुनौती राहत कर्मियों को प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचाने की है, जहां पिछले दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि दूर-दराज के क्षेत्रों से हमें मरने वालों और घायलों की सूचना मिल रही है।

संचार सुविधाएं प्रभावित हुई हैं, जिसके कारण सुदूर क्षेत्रों में सम्पर्क नहीं हो पा रहा है।" गंगटोक में व्यवसायी अरुण गुरूंग ने कहा, "सिक्किम में लोग अब तक सदमे में हैं। गंगटोक के अधिकतर मकानों में दरारें पड़ गई हैं। सड़कों पर भी दरारें हैं।" गंगटोक में शिक्षक रवि लेपचा के मुताबिक, "मैंने कम से कम छह वाहन क्षतिग्रस्त देखे हैं। भूस्खलन के कारण राजमार्ग पर वाहनों को काफी नुकसान पहुंचा।" सिक्किम को देश के दूसरे हिस्सों को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग 31 ए भी भूस्खलन की वजह से सात स्थानों पर अवरूद्ध हो गया है। पश्चिम बंगाल में सिलिगुड़ी और गंगटोक को जोड़ने वाले 25 पुलों में भी दरारे पड़ गई हैं। इस बीच, उत्तरी व पूर्वी सिक्किम के प्रभावित इलाकों में राहत व बचाव कार्य के लिए सेना, पुलिस तथा अर्धसैनिक बलों के 5,000 जवानों को तैनात किया गया है। रेड हॉर्न्‍स डिविजन के कमांडर लेफ्टिनेंट एस. एस. नरसिम्हन ने कहा, "हमारी प्राथमिकता भूस्खलन के कारण रास्ते में जमा हुए पत्थरों और मिट्टी को हटाकर सोमवार शाम तक आवाजाही बहाल करना है।" असम की राजधानी गुवाहाटी में भी कई मकानों में दरार और छत गिरने की खबर है। साथ ही एक अपार्टमेंट की लिफ्ट भी गिर गई है। भूकम्पविदों के अनुसार, असम, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश तथा मणिपुर भूकम्प की दृष्टि से विश्व के सर्वाधिक छठे संवेदनशील क्षेत्रों में आते हैं।

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