सिक्किम में मृतकों के संख्या बढ़कर 56 पहुँची
गंगटोक। उत्तर व पूर्वी भारत में दो दिन पहले आए भूकम्प में मरने वालों की संख्या मंगलवार को 74 हो गई है। अकेले सिक्किम में 56 लोगों की जान गई है, जबकि पश्चिम बंगाल में 12 और बिहार में अब तक छह लोगों की मौत हुई है। मृतकों की तादाद अभी और बढ़ सकती है। रविवार को आए 6.8 की तीव्रता के इस भूकम्प में 300 से अधिक लोग घायल हुए हैं। सिक्किम में सोमवार रात अलग-अलग स्थानों से राहत कर्मियों ने कई शव निकाले। भूकम्प के दो दिन बाद मंगलवार को नई दिल्ली में संवाददाताओं से बातचीत में केंद्रीय गृह सचिव आर. के. सिंह ने कहा, "सिक्किम सरकार के मुताबिक राज्य में मरने वालों की संख्या बढ़कर 50 हो गई है।
पश्चिम बंगाल में 12 और बिहार में छह लोगों की मौत हुई है। मरने वालों की संख्या अभी और बढ़ सकती है।"उन्होंने कहा कि सेना के दो राहत दल हवाई मार्ग से सिक्किम पहुंच गए हैं। दिल्ली से 10 चिकित्सकों का एक दल भी वहां पहुंच गया है। सिक्किम में 5,000 से ज्यादा सैन्यकर्मी और अर्धसैनिक बल के जवान राहत एवं बचाव कार्य में लगे हुए हैं। इनमें आधे से ज्यादा सैनिकों व जवानों को भूकम्प में सबसे ज्यादा प्रभावित उत्तरी सिक्किम के इलाकों में तैनात किया गया है। प्रभावितों को भोजन व दवाएं उपलब्ध कराने के लिए अधिकारियों ने कम से कम 100 राहत शिविर लगाए हैं। सिक्किम को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने वाला सड़क मार्ग, जो भूस्खलन के कारण रविवार से बंद था, सोमवार को खुल गया। लेकिन कई जगह अब भी भूस्खलन के कारण दिक्कतें आ रही हैं।
पश्चिम बंगाल में 12 और बिहार में छह लोगों की मौत हुई है। मरने वालों की संख्या अभी और बढ़ सकती है।"उन्होंने कहा कि सेना के दो राहत दल हवाई मार्ग से सिक्किम पहुंच गए हैं। दिल्ली से 10 चिकित्सकों का एक दल भी वहां पहुंच गया है। सिक्किम में 5,000 से ज्यादा सैन्यकर्मी और अर्धसैनिक बल के जवान राहत एवं बचाव कार्य में लगे हुए हैं। इनमें आधे से ज्यादा सैनिकों व जवानों को भूकम्प में सबसे ज्यादा प्रभावित उत्तरी सिक्किम के इलाकों में तैनात किया गया है। प्रभावितों को भोजन व दवाएं उपलब्ध कराने के लिए अधिकारियों ने कम से कम 100 राहत शिविर लगाए हैं। सिक्किम को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने वाला सड़क मार्ग, जो भूस्खलन के कारण रविवार से बंद था, सोमवार को खुल गया। लेकिन कई जगह अब भी भूस्खलन के कारण दिक्कतें आ रही हैं।
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