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कुछ वर्षो तक सिक्किम में भूकम्प की आशंका नहीं

कोलकाता आईआईटी खड़गपुर में भूगर्भ विज्ञान एवं भूभौतिकी के प्रोफेसर, एस.के. नाथ का कहना है कि सिक्किम में अगले कुछ वर्षो तक विनाशकारी भूकम्प आने की आशंका नहीं है, क्योंकि पिछले रविवार को आए भूकम्प से बड़ी मात्रा में पृथ्वी के अंदर की ऊर्जा निकल गई है।ज्ञात हो कि हाल के भूकम्प के कारण उत्तरी सिक्किम में कई लोग मारे गए और बड़े पैमाने पर तबाही हुई। लेकिन नाथ का कहना है कि यदि राज्य की घनी आबादी वाले दक्षिणी हिस्से में इस भूकम्प का पूरा झटका महसूस किया गया होता तो तबाही और भयानक हुई होती, क्योंकि इस क्षेत्र में किसी भी इमारत संहिता का पालन नहीं किया जाता। नाथ ने बातचीत में कहा, "यद्यपि सिक्किम में कई लोगों की मौत हुई है, लेकिन मैं कहूंगा कि इस बार सिक्किम भाग्यशाली रहा है, क्योंकि भूकम्प का केंद्र सिक्किम-नेपाल की सीमा पर रहा है।

इस कारण राज्य के उत्तरी हिस्से को ही भूकम्प के झटके का सामना करना पड़ा है और दक्षिणी हिस्से में कोई खास समस्या नहीं हुई है।" नाथ ने कहा, "यह निश्चितरूप से भयानक भूकम्प था और इसके कारण बाद में भी कई झटके महसूस किए गए। इसलिए मैं कह सकता हूं कि कम से कम अगले कुछ वर्षो तक सिक्किम में इस तरह का भूकम्प नहीं आएगा।" उन्होंने उन रपटों को बकवास बताया, जिनमें कहा गया है कि भूकम्प का केंद्र उत्तरी जिले में मांगन था। नाथ ने कहा, "मुझे नहीं पता कि ये रपटें कहा से आ रही है कि मांगन भूकम्प का केंद्र था। यह मध्य सिक्किम का हिस्सा है। यदि मांगन केंद्र रहा होता पूरा भूटान और उत्तरी बंगाल में सिलीगुड़ी तक का क्षेत्र मलबे में तब्दील हो गया होता।" नाथ ने कहा कि भारत में भूकम्प का मुख्य कारण भारतीय प्लेट के यूरेशियन प्लेट के नीचे चला जाना है। उन्होंने कहा, "भारतीय प्लेट अभी भी यूरेशियन प्लेट के नीचे सरक रही है।"

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