चीन की बढ़ती सैन्य ताकत से उड़ी अमेरिका की नींद
वाशिंगटन। चीन की बढ़ती सैन्य ताकत ने अमेरिकी सेना अधिकारियों की नींद उड़ा रखी है। दुश्मन को चकमा देने वाले लड़ाकू उपकरणों, अत्याधुनिक पनडुब्बियों से लैस चीन की नौसेना इस वक्त सबसे ताकतवर है। चीन मानता है कि वह सैन्य क्षमता के मामले में अमेरिका की बराबरी कर सकता है। अमेरिका की घटती रक्षा क्षमता को लेकर चिंतित एक अमेरिकी सांसद ने चीन की बढ़ती ताकत पर भी चिंता व्यक्त की है। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की हाउस आर्म्ड सर्विस कमेटी के अध्यक्ष बक मैक्कियोन ने कहा, 'आर्थिक मंदी ने चीन के इस विश्वास को और मजबूती दी है कि वह अमेरिका से आगे बढ़ सकता है। मगर शांति बनाए रखने के लिए अमेरिका को इस बढ़ती एशियाई ताकत के साथ काफी सतर्कता से पेश आना होगा।' उन्होंने अमेरिकी थिंक टैंक अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट (एईआइ) में अपने संबोधन में कहा, 'चीन ने हमारे एडमिरलों की रात खराब कर रखी है, लेकिन एक तरह से यह अच्छा ही है।' चीनी सैन्य ताकत में इजाफे पर अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन की एक रिपोर्ट के अवलोकन के बाद उन्होंने यह बातें कही। मैक्कियोन ने कहा, 'उनकी नौसेना हमारी नौसेना से विशाल हो चुकी है। वह हमारे सहयोगियों के जलक्षेत्र में जंगी जहाज भेज रहे हैं। वह रोज हमारे सरकारी कंप्यूटरों को हैक कर लेते हैं।' उन्होंने अमेरिका की घटती सैन्य शक्ति पर भी चिंता जताई और कहा कि शीतयुद्ध के दौरान 1992 में अमेरिकी जहाज बेड़ों की संख्या 550 थी, लेकिन अब यह घट कर 250 तक पहुंचने को है। तब से अब तक लड़ाकू ब्रिगेड भी घटकर 76 से 45 रह गई हैं। हमारी नौसेना के 20 से ज्यादा जहाज पानी में उतरने या युद्ध में शामिल होने के लायक नहीं हैं।
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