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भट्टराई ने 11 माओवादियों के लिए मांगा क्षमादान

काठमांडू। नेपाल के प्रधानमंत्री डॉ. बाबूराम भट्टराई ने अपने पार्टी के 11 नेताओं को क्षमादान दिलाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। इन सभी को पटना हाई कोर्ट ने पिछले हफ्ते दो से छह साल के कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई थी। भट्टराई ने मंगलवार को नेपाल में भारत के राजदूत जयंत प्रसाद के साथ बैठक की। उन्होंने नई दिल्ली से इस फैसले को रद कराने का आग्रह किया। बैठक में अटॉर्नी जनरल मुक्ति प्रधान और कानूनी विशेषज्ञ भी मौजूद थे। भट्टराई के मीडिया सलाहकार राम रिजन यादव ने बताया कि यह बैठक तब तय की गई, जब माओवादी सांसदों ने प्रधानमंत्री का ध्यान भारत में पटना हाई कोर्ट द्वारा पिछले सप्ताह सुनाए गए फैसले की ओर खींचा। जिन 11 नेपाली माओवादियों को उनकी अनुपस्थिति में सजा सुनाई गई है, उनमें दो पूर्व मंत्री लोकेंद्र बहादुर बिस्ट मागर और हित बहादुर तमांग और छह मौजूदा सांसद शामिल हैं।

-क्या है मामला : माओवादियों द्वारा नेपाल में 1996 से 10 वर्षो तक लड़े गए जन युद्ध के दौरान कई माओवादी नेता दोनों देशों के बीच असुरक्षित सीमा का लाभ उठाते हुए भारतीय शहरों में आकर छुप गए थे। सात वर्ष पहले बिहार पुलिस ने राजधानी पटना में स्थित पांच होटलों पर छापा मारकर 11 माओवादी नेताओं को गिरफ्तार किया था। उन्हें दो वर्षो से अधिक समय तक बेउर जेल में कैद रखा था।

2006 में नेपाल की नई सरकार ने भारत से उसकी विभिन्न जेलों में कैद नेपाली माओवादी नेताओं को रिहा करने की अपील की थी। यद्यपि बिहार ने इन 11 माओवादी नेताओं को जमानत पर रिहा कर दिया था, लेकिन पिछले सप्ताह उसने उनके खिलाफ मामले फिर से शुरू कर दिए। उन पर भारत की संप्रभुता के लिए खतरा पैदा करने वाली गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप लगाया गया। इसमें नक्सलियों के साथ मिलकर भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने का आरोप भी शामिल है।

(साभार - जागरण )

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