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अपना दून बनेगा हेरिटेज सिटी

देहरादून. पिंक सिटी बन सकता है तो दून हेरिटेज सिटी क्यों नहीं बन सकता। जरूरत है तो बस कदम बढ़ाने की। दून की गोद में ऐतिहासिक इमारतों की भरमार है और उनका इतिहास भी कम रोचक नहीं। गौरवमयी इतिहास समेटे इन इमारतों के वर्तमान भविष्य को भी उज्जवल बनाया जा सकता है। कुछ इसी पहल के साथ नगर निगम ने दून की 52 प्राचीन इमारतों को देश-दुनिया से रूबरू कराने का निर्णय लिया है। पहले चरण में इमारतों के भव्य इतिहास को सामने लाया जाएगा और उनकी साज-सज्जा भी निखारी जाएगी।
पत्रकारों
से रूबरू मेयर विनोद चमोली ने कहा कि पर्यटन के लिहाज से दून को हेरिटेज सिटी के रूप में प्रमोट करना फायदेमंद रहेगा। इसी मकसद से निगम ने दून क्षेत्र में 52 ऐतिहासिक इमारतों को चुना है। अधिकतर इमारतों पर बीते हुए कल की गर्त चढ़ चुकी है। जबकि इनका इतिहास काफी रोचक रहा है। इन्हें सामने लाने के लिए इंटेक नामक एनजीओ के साथ पांच लाख रुपये का अनुबंध किया गया है। पहले चरण में इमारतों पर ऐसे शिलापट लगाए जाएंगे, जिन पर इमारत से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी होगी। भवनों के डिजाइन के अनुरूप साज-सज्जा की भी व्यवस्था की जाएगा। इंटरनेट पर ऐतिहासिक इमारतों की जानकारी अपलोड करके भी प्रचार-प्रसार की योजना है।

इन्हें बनाएंगे ऐतिहासिक धरोहर

क्लॉक टावर, गुरु राम राय दरबार, नेहरू वार्ड, जॉर्ज एवरेस्ट हाउस, अर्केडिया, सर्वे ऑफ इंडिया, सर्किट हाउस, प्रताप कोठी, शर्माओं की हवेली, मालदेवता टेंपल, शोरेज वेल, अशोकान एडिक्ट, एमएन रॉय मेमोरियल, एसजेए बिल्डिंग, मॉरिसन मेमोरियल चर्च, कैब्रियन हाल, जामा मस्जिद जामावाला, इनामुल्ला बिल्डिंग, मनसा राम बिल्डिंग, हैवल ऑन न्यू रोड, दर्शिनी गेट, आरआइएमसी, सेंट फ्रांसिस चर्च, लाल गेट, प्रेसबाइटेरियन चर्च, एफआरआइ, सेंट थॉमस चर्च, रेंजर्स काले, लाल पुल, एमकेपी पीजी कॉलेज व इंटर कॉलेज, डीएवी पीजी कॉलेज, रेसकोर्स, लक्ष्मण सिद्ध, टपकेश्वर, आइएमए की चैटवुड बिल्डिंग आदि।

ऐसे कराएंगे परिचय

-निर्माण किसने कराया था, निर्माण अवधि, ऊंचाई, शैली, निर्माण का मकसद, रोचक तथ्य आदि।

नहीं खलेगी एएसआइ की कमी

वैसे ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण की जिम्मेदारी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआइ) के पास है, लेकिन प्रदेश में एएसआइ संरक्षित महज 40-42 धरोहरें ही हैं। बजट की कमी के चलते सर्वेक्षण विभाग उनकी ही हिफाजत ठीक से नहीं कर पाता। यदि निगम व राज्य सरकार दून की प्राचीन इमारतों का संरक्षण अपने स्तर पर करते हैं तो प्रदेश को इसके कई फायदे मिलेंगे।

हैरिटेज वाक में मिलाएं कदम

दून को हेरिटेज शहर के रूप में पहचान दिलाने के लिए नगर निगम ने 'हेरिटेज वाक' की योजना बनाई है। इसके तहत 13 सितंबर को निगम बोर्ड गांधी पार्क से रैली निकालकर विभिन्न ऐतिहासिक इमारतों का भ्रमण करेगा। 14 को अधिकारी वर्ग और 15 को विभिन्न स्कूलों के बच्चे और शिक्षक वाक में कदम मिलाएंगे। आम नागरिक भी हेरिटेज वाक में शामिल हो सकता है।

सरकार से मदद

मेयर चमोली ने इस काम के लिए सरकार से भी मदद मांगी है। उनका कहना है कि सरकार को प्रदेश की अपनी हेरिटेज नीति बनानी चाहिए। ताकि इस तरह की इमारतों के संरक्षण के लिए नियमानुसार कार्रवाई की जा सके।

(साभार:जागरण)

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