1.5 लाख रुपये का सबसे महंगा बकरा
दुनियाभर में मुसलमान पैगम्बर इब्राहिम द्वारा अल्लाह को खुश करने के लिए अपने बेटे इस्माइल तक की कुर्बानी देने के लिए तैयार रहने के दिन के रूप में मनाते हैं। इस्लाम के अनुसार, इब्राहिम जैसे ही अपने बेटे का गला काटने जा रहे थे, अल्लाह ने उसके स्थान पर भेड़ प्रस्तुत करके इस्माइल को बचा लिया। तभी से ईद-उल-अजहा (बकरीद) के दिन किसी मवेशी की कुर्बानी की परम्परा है। बाजार में सफेद रंग की दो भेड़ भी लोगों का ध्यान आकर्षित कर रही हैं। इनका वजन 50-50 किलोग्राम का है। दोनों की कीमत 2.67 लाख रुपये है। भेड़ों के मालिक आलम हुजूर ने कहा, "मैंने इन्हें बादशाह और राजा नाम दिया है। मैं पिछले छह महीने से इनकी देखभाल कर रहा हूं। इन्हें समय पर खाना खिलाता हूं और इनके स्वास्थ्य का ध्यान रखता हूं।" दुकानदार के अनुसार, सबसे अधिक मांग मेवाती, बारबरी, देसी और तोतापुरी प्रजाति के भेड़ और बकरों की है, जो राजस्थान और उत्तर प्रदेश से आए हैं। इनमें से अधिकतर की कीमत 5,000 से 10,000 रुपये है। परम्पराओं के अनुसार, कुर्बानी के लिए बकरे का चयन ध्यानपूर्वक किया जाना चाहिए। यह स्वस्थ और इसकी शारीरिक बनावट मजबूत होनी चाहिए। इसे किसी भी तरह से अस्वस्थ या विकृत नहीं होना चाहिए। एक खरीदार फैसल खान ने बताया, "दो और चार दातों वाले मध्य आयु वर्ग के बकरे कुर्बानी के लिए सबसे बेहतर होते हैं। छह दांतों वाले बकरे बूढ़े होते हैं और कुर्बानी के लिए इनका चयन नहीं किया जाना चाहिए।"
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