'सिर्फ संवाद से सुलझेगा तिब्बत मुद्दा' - दलाई लामा
धर्मशाला| दलाई लामा के विशेष दूत ने कहा है कि चीन के साथ तिब्बत का मुद्दा सिर्फ संवाद के जरिए सुलझाया जा सकता है। दलाई लामा के विशेष दूत लोदी जी. ज्ञारी ने निर्वासित तिब्बती सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर सोमवार को जारी एक बयान में कहा है, "तिब्बत के मौजूदा त्रासदीपूर्ण हालात और चीनी प्रशासन की अति दमनकारी नीतियां किसी को भी चकित करती हैं कि क्या संवाद की किसी कोशिश का कोई अर्थ है। दूसरी ओर मौजूदा हालात का सामना करने वाला कोई भी समझदार व्यक्ति यह मानता है कि संवाद ही एकमात्र रास्ता है।" तिब्बत को अधिक स्वायत्तता देने पर चीन के साथ हुई हर दौर की बातचीत में ज्ञारी शामिल रहे हैं।
चीन और दलाई लामा के दूतों के बीच 2002 से लेकर अबतक नौ दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन कोई भी सफलता नहीं हासिल हो पाई है। केंद्रीय तिब्बती प्रशासन ने इस वर्ष जून में ज्ञारी को फिर से दलाई लामा का विशेष दूत नियुक्त किया। 11 नवम्बर की तारीख वाले बयान में कहा गया है, "मैं संवाद प्रक्रिया के लिए कुछ समय के लिए परमपावन दलाई लामा के विशेष दूत के मौजूदा पद पर बना रहूंगा।" पिछले महीने निर्वासित तिब्बती सरकार के प्रधानमंत्री लोबसांग सांगय ने संवाद प्रक्रिया फिर से शुरू करने के तरीकों पर विचार करने के लिए कार्य बल की बैठक बुलाई थी। इस कार्य बल का गठन चीन के साथ बातचीत में दूतों की मदद करने के लिए 1999 में किया गया था।
चीन और दलाई लामा के दूतों के बीच 2002 से लेकर अबतक नौ दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन कोई भी सफलता नहीं हासिल हो पाई है। केंद्रीय तिब्बती प्रशासन ने इस वर्ष जून में ज्ञारी को फिर से दलाई लामा का विशेष दूत नियुक्त किया। 11 नवम्बर की तारीख वाले बयान में कहा गया है, "मैं संवाद प्रक्रिया के लिए कुछ समय के लिए परमपावन दलाई लामा के विशेष दूत के मौजूदा पद पर बना रहूंगा।" पिछले महीने निर्वासित तिब्बती सरकार के प्रधानमंत्री लोबसांग सांगय ने संवाद प्रक्रिया फिर से शुरू करने के तरीकों पर विचार करने के लिए कार्य बल की बैठक बुलाई थी। इस कार्य बल का गठन चीन के साथ बातचीत में दूतों की मदद करने के लिए 1999 में किया गया था।
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