अब यूपी के चार टुकड़े करेगी मायावती
दीपक राई
भारत के प्रधानमंत्री के भाग्य को लिखने वाला हिन्दुस्तान का सबसे बड़ा सूबा उत्तर प्रदेश अब आगामी चुनावों के चलते सियासी तूफानों में घिरता जा रहा है । सूबे की मुख्यमंत्री मायावती ने आज पत्रकार वार्ता में कैबिनेट के फैसले को बताते हए जानकारी दी कि उनकी सत्ताधारी पार्टी अब उत्तर प्रदेश को तेज़ी से विकास के लिए चार अलग-अलग राज्य के लिए आगामी विधानसभा सत्र में प्रस्ताव लाएगी । इस पूरे घोषणा के बाद अब यूपी को मिशन दिल्ली मानकर चल रहे कांग्रेस के दिग्गजों के माथो पर बल ला दिया है , मायावती ने चार प्रदेश के लिए पश्चिम प्रदेश , अवध प्रदेश , बुंदेलखंड और पूर्वांचल नाम सुझाए है साथ ही छोटे राज्यों को देश की ज़रुरत बताया ।
जाहिर सी बात है इन राज्यों के लिए पूर्व में भी मांग उठती रही है । आज के मायावती के बयान के बाद कांग्रेस को अब भय सताने लगा है कि अगले साल के शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव में कही मायावती यह मुद्दा भुना ना ले । कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी के रणनीति कारो के लिए अब राज्य में दूसरा मुद्दा दूंदने की ज़रुरत पड़ रही है । यदि मायावती ने इस प्रस्ताव को पास करके केंद्र के पाली में डाल दिया तो निश्चित ही केंद्र में विराजमान कांग्रेस सरकार के लिए धर्मसंकट की स्थिति होगी क्यूंकि पूरे मामले में यदि राज्यों का गठन हो जाए तो मायावती पूरा श्रेय ले जायेगी क्यूंकि वैसे भी यदि राज्यों का गठन नहीं हुआ तो भाद कांग्रेस की ही पिटनी है । मायावती के ब्राहमण कार्ड के बाद यह दांव उत्तर प्रदेश के चुनावी दंगल में नए समीकरण लिखने के लिए एक जोरदार प्रयास माना जा रहा है । कांग्रेस की ओर से इस पूरे मुद्दे पर मायावती सरकार पर नौटंकी करने का आरोप लगाया ।
भारत के प्रधानमंत्री के भाग्य को लिखने वाला हिन्दुस्तान का सबसे बड़ा सूबा उत्तर प्रदेश अब आगामी चुनावों के चलते सियासी तूफानों में घिरता जा रहा है । सूबे की मुख्यमंत्री मायावती ने आज पत्रकार वार्ता में कैबिनेट के फैसले को बताते हए जानकारी दी कि उनकी सत्ताधारी पार्टी अब उत्तर प्रदेश को तेज़ी से विकास के लिए चार अलग-अलग राज्य के लिए आगामी विधानसभा सत्र में प्रस्ताव लाएगी । इस पूरे घोषणा के बाद अब यूपी को मिशन दिल्ली मानकर चल रहे कांग्रेस के दिग्गजों के माथो पर बल ला दिया है , मायावती ने चार प्रदेश के लिए पश्चिम प्रदेश , अवध प्रदेश , बुंदेलखंड और पूर्वांचल नाम सुझाए है साथ ही छोटे राज्यों को देश की ज़रुरत बताया ।
जाहिर सी बात है इन राज्यों के लिए पूर्व में भी मांग उठती रही है । आज के मायावती के बयान के बाद कांग्रेस को अब भय सताने लगा है कि अगले साल के शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव में कही मायावती यह मुद्दा भुना ना ले । कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी के रणनीति कारो के लिए अब राज्य में दूसरा मुद्दा दूंदने की ज़रुरत पड़ रही है । यदि मायावती ने इस प्रस्ताव को पास करके केंद्र के पाली में डाल दिया तो निश्चित ही केंद्र में विराजमान कांग्रेस सरकार के लिए धर्मसंकट की स्थिति होगी क्यूंकि पूरे मामले में यदि राज्यों का गठन हो जाए तो मायावती पूरा श्रेय ले जायेगी क्यूंकि वैसे भी यदि राज्यों का गठन नहीं हुआ तो भाद कांग्रेस की ही पिटनी है । मायावती के ब्राहमण कार्ड के बाद यह दांव उत्तर प्रदेश के चुनावी दंगल में नए समीकरण लिखने के लिए एक जोरदार प्रयास माना जा रहा है । कांग्रेस की ओर से इस पूरे मुद्दे पर मायावती सरकार पर नौटंकी करने का आरोप लगाया ।
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