अब लाइलाज नहीं रहा HIV/AIDS - WHO

वर्ष 2001 से 2010 के बीच एचआईवी संक्रमित मरीजों को मिल रहे एंटी-रेट्रोवायरल ट्रीटमेंट (एआरटी) में 10 गुनी वृद्धि हुई है, जिससे पता चलता है कि अधिक से अधिक लोगों को उपचार मिल रहा है।इसी तरह, एचआईवी संक्रमण की जांच तथा परामर्श सेवाओं का लाभ एक करोड़ 60 लाख लोगों को हुआ है। भारत, म्यांमार, नेपाल तथा थाईलैंड जैसे दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों में एचआईवी संक्रमित नए मरीजों की संख्या में कमी आ रही है। वर्ष 2001 से 2010 के बीच एचआईवी से संक्रमित होने वालों की संख्या में 34 प्रतिशत की गिरावट आई है, जो उत्साहवर्धक है। इंडोनेशिया में एचआईवी/एड्स की स्थिति हालांकि अब भी चिंताजनक है।
विश्व एड्स दिवस (एक दिसम्बर) पर डब्ल्यूएचओ ने दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों से इस बीमारी को, खासकर बच्चों में, 2015 तक समाप्त करने का आह्वान किया है। डब्ल्यूएचओ के दक्षिण-पूर्वी एशिया के क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर सामली प्लीयानबांगचांग ने कहा, "हमें अपने अनुभवों से सीख लेनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी बच्चा संक्रमित पैदा न हो।"चुनौतियां हालांकि अब भी बरकरार हैं। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण-पूर्व एशिया में वर्ष 2010 में एचआईवी संक्रमित मरीजों की संख्या 35 लाख थी, जिनमें एक लाख 40 हजारे बच्चे थे। इसमें महिला मरीजों की संख्या 37 प्रतिशत थी।
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