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सुशील कोइराला ने नेपाल के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली

कमल प्रसाद घिमिरे 
काठमांडू : नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुशील कोइराला को मंगलवार को देश के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ दिलाई गई। शपथ लेने के बाद उन्होंने देश में राजनीतिक स्थिरता सुनिश्चित करने का संकल्प जताया। 1960 में नेपाल की सत्ता पर शाही नियंत्रण के बाद उन्होंने भारत में 16 साल राजनीतिक निर्वासन में गुजारे थे। राष्ट्रपति रामबरन यादव ने राष्ट्रपति भवन में 74 वर्षीय कोइराला को पद की शपथ दिलाई। शपथ लेते हुए उन्होंने कहा, 'मैं, सुशील कोइराला, ईश्वर की शपथ लेता हूं कि प्रधानमंत्री के तौर पर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए राष्ट्र और इसकी जनता के प्रति प्रतिबद्ध और ईमानदार रहूंगा।' नेपाल की सबसे बड़ी पार्टी के अध्यक्ष कोइराला को सोमवार को नेपाल का प्रधानमंत्री निर्वाचित किया गया था।

601 सदस्यीय संविधान सभा में उनके पक्ष में 405 मत पड़े थे। उनके प्रधानमंत्री निर्वाचित होने के साथ ही देश में महीनों से चल रहा राजनीतिक संकट खत्म हो गया। शपथ ग्रहण समारोह के बाद कोइराला ने नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामशरण महात को अपनी मंत्रिमंडल में शामिल किया। महात को बिना विभाग का मंत्री बनाया गया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, 'मंत्रिमंडल आज पूर्ण आकार नहीं ले सका, क्योंकि गठबंधन के मुख्य सहयोगियों नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल के बीच सत्ता की साझेदारी के मुद्दे पर कुछ मतभेद हैं।' ऐसा समझा जाता है कि मतभेद इसलिए पैदा हुआ क्योंकि नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल दोनों ने महत्वपूर्ण गृह मंत्रालय पर अपना-अपना दावा पेश किया है। हालांकि, नेपाली कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि यूएमएल नेताओं के साथ बातचीत के बाद मतभेदों का शीघ्र समाधान कर लिया जाएगा। बाद में कोइराला सिंह दरबार स्थित अपने नए कार्यालय गए और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुलाकात की।


कोइराला ने कहा कि उनकी प्राथमिकता शांति, स्थिरता, लोकतंत्र और विकास है। उन्होंने कहा कि वह एक साल के भीतर नया संविधान लागू करने का पूरा प्रयास करेंगे। कोइराला ने कहा, 'नए संविधान को पहले भी जारी किया जा सकता है।' कोइराला ने अब तक कोई प्रशासनिक पद नहीं संभाला है और पूर्व में भी किसी मंत्रालय को संभालने का उन्हें कोई अनुभव नहीं है। कोइराला अविवाहित हैं। उन्होंने विभिन्न मौकों पर छह साल कारावास में गुजारे हैं। मई 2008 में राजशाही को खत्म करने के बाद से कोइराला देश के छठे प्रधानमंत्री हैं। वह 1960 में भारत चले गए थे जब नेपाल नरेश ने लोकतंत्र को निलंबित कर दिया था और उनके रिश्तेदार समेत दर्जनों लोगों को जेल में बंद कर दिया था। उन्होंने 16 साल भारत में निर्वासन में गुजारे।

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