अब असम में राज्य सरकार देगी मुसलमानों को जल्द हथियार !
गुवाहाटी:
असम सरकार ऐसी योजना पर काम कर रही है कि बोडो क्षेत्रों में रहने वाले
बांग्ला भाषी मुसलमानों को हथियार दिये जाएं। इन लोगों को हथियारों के
लाइसेंस देने की योजना बनाई जा रही है। इसके लिए ग्रामीणों को अर्जी देने
के लिए भी कह दिया गया है। बीते हफ्ते हुई हिंसा के बाद कोकराझार
और बक्सा के इलाकों फिलहाल हालात सामान्य हो रहे हैं और हिंसा की कोई नई
घटना नहीं हुई है। लेकिन सुरक्षा बलों ने बोडो उग्रवादी संगठन नैशनल
डेमोक्रैटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड के खिलाफ अपने ऑपरेशंस तेज कर दिए हैं।
रविवार को सोनितपुर और उदालगिरी जिलों में दो मुठभेड़ों में तीन गुरिल्ला
उग्रवादियों को मार दिया गया।
बांग्ला भाषी मुसलमानों और बोडो लोगों के बीच 1952 से अब तक चार बार हिंसक भिड़ंत हो चुकी हैं। हिंसा की सबसे नई घटना 2012 में हुई थी जब पांच दिनों तक चले दंगों में दोनों समुदायों के 105 लोगों की जान गई थी।
राज्य के वन मंत्री रोकिबुल हुसैन ने कहा कि बांग्ला भाषी मुस्लिम ग्रामीणों को अपनी रक्षा के लिए राज्य सरकार की ओर से लाइसेंसी हथियार दिए जाने चाहिए। उन्होंने कहा, 'बोडोलैंड टेरिटॉरियल काउंसिल में गृह विभाग राज्य सरकार के तहत है, इसलिए अगर कोई अप्लाई करता है तो राज्य सरकार उसे हथियार दे सकती है।'
बांग्ला भाषी मुसलमानों और बोडो लोगों के बीच 1952 से अब तक चार बार हिंसक भिड़ंत हो चुकी हैं। हिंसा की सबसे नई घटना 2012 में हुई थी जब पांच दिनों तक चले दंगों में दोनों समुदायों के 105 लोगों की जान गई थी।
राज्य के वन मंत्री रोकिबुल हुसैन ने कहा कि बांग्ला भाषी मुस्लिम ग्रामीणों को अपनी रक्षा के लिए राज्य सरकार की ओर से लाइसेंसी हथियार दिए जाने चाहिए। उन्होंने कहा, 'बोडोलैंड टेरिटॉरियल काउंसिल में गृह विभाग राज्य सरकार के तहत है, इसलिए अगर कोई अप्लाई करता है तो राज्य सरकार उसे हथियार दे सकती है।'
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