ममता संग द्विपक्षीय बैठक में नहीं शामिल होंगे विमल गुरुंग
दार्जिलिंग : गोरखा जनमुक्ति मोर्चा प्रमुख व जीटीए के मुख्य
कार्यकारी विमल गुरुंग राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में दो
सितंबर को कालिम्पोंग में होने वाली गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन
(जीटीए) की द्विपक्षीय बैठक में भाग नहीं लेंगे। वह बुधवार को मोर्चा
महासचिव रोशन गिरि, अनीत थापा, अरुण सिनजी व दावा लेप्चा के साथ दिल्ली
रवाना हो गए। दिल्ली जाने से पूर्व यहां बागडोगरा एयरपोर्ट पर उन्होंने पत्रकारों से
बातचीत में कहा कि द्विपक्षीय बैठक में जीटीए के सचिव व अन्य सभासद भाग
लेंगे। गुरुंग ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि दो सितंबर को होने वाली
बैठक से पहले राज्य सरकार के साथ पांच-पांच द्विपक्षीय बैठकें हो चुकी हैं।
उन बैठकों में कोई परिणाम नहीं निकला।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार से बैठक के संबंध में पत्र प्राप्त हुआ
है, लेकिन वह बैठक में शामिल नहीं होंगे। जब उनसे पूछा गया कि क्या राज्य
सरकार जीटीए के संचालन में सहयोग नहीं कर रही है,इस पर उन्होंने कहा कि यह
बात राज्य सरकार से ही पूछी जानी चाहिए। पहाड़ की 10 जातियों को अनुसूचित
जनजाति का दर्ज देने की मांग पहले राज्य सरकार से की जा चुकी है। इस पर अभी
तक कोई निर्णय नहीं हुआ है। मोर्चा प्रमुख ने कहा कि चार सदस्यीय दल के
साथ वह आधिकारिक दौरे पर दिल्ली जा रहे हैं। 29 अगस्त को दिल्ली में गोरखा
भवन का शिलान्यास होने वाला है। इस दौरान वे योग गुरु बाबा रामदेव व उनके
शिष्य बालकृष्ण से भी मुलाकात करेंगे। विमल गुरुंग के साथ दिल्ली जाने वाले
दल में शामिल हैं।
वहां से चलने से पहले जीटीए चीफ
ने प्रेस से बातचीत में कहा कि दार्जिलिंग से कर्सियांग को जोड़ने वाले
राष्ट्रीय राजमार्ग 55 का विदेशी तकनीक से पुनर्निर्माण कराने के लिए वह
केंद्रीय मंत्रियों से बात करेंगे। प्रयास होगा कि किसी विदेशी कंपनी को
इसके पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी जाए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार
ने इस मार्ग के पुनर्निर्माण के लिए पर्याप्त धनराशि मुहैया कराई है, परंतु
तकनीकी ढांचे की कमी के कारण इसके पुनर्निर्माण में बाधा उत्पन्न हो रही
है। साथ ही कहा कि जनजातीय मामलों के मंत्री एवं अधिकारियों से मुलाकात कर
11 गैर जनजातीय गोरखा उपजातियों को जनजाति का दर्जा देने के संबंध में अब
तक हुई प्रगति की भी जानकारी ली जाएगी। गौरतलब है कि राजमार्ग सन 2009 में
आए भीषण भूकंप से बुरी तरह तबाह हो गया था और उसी समय से यह बंद पड़ा है।


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