मणिपुर के चूड़चंद्रपुर में पुलिस फ़ायरिंग, आगजनी, तीन मरे
इम्फाल। मणिपुर के चूड़चंद्रपुर में कुछ अज्ञात लोगों ने राज्य सरकार के दो मंत्रियों, पाँच विधायकों और स्थानीय सासंद के घर में आग लगा दी है. घटना में तीन लोग मारे जा चुके हैं. पुलिस के अनुसार फ़ायरिंग में दो और आग लगने की घटना में एक की मौत हो गई. ख़बरों के अनुसार इंफाल आउटर से इस घटना में सांसद थांगसो बाइते और राज्य सरकार में मंत्री गानथांग हाउकिप, फुंगजाथांग टोनसिंग के घरों में आग लगा दी गई है. आग लगाने की घटना जिस वक्त हुई उस वक़्त मंत्री या उनका कोई रिश्तेदार घर पर नहीं था. चूड़चंद्रपुर पुलिस के अनुसार आग लगा रहे लोगों पर गोलियां चलाई गईं जिसमें दो लोगों की मौत हो गई है. चूड़चंद्रपुर पुलिस के मुताबिक आग लगाने की कोशिश में एक आदमी को ख़ुद आग लग गई. इससे उसकी मौत हो गई. मणिपुर के पुलिस अधीक्षक एल मांगखोगिन हाऊकिप ने बीबीसी को बताया कि स्थिति तनाव पूर्ण लेकिन नियंत्रण में है.
कुकी बहुल इलाक़ा
चूड़ाचंद्रपुर ज़िला कुकी बहुल इलाक़ा है. कुकी छात्र संगठन की इंफ़ाल ज़िला ईकाई के सचिव शोंगबातेई ने इसकी वजह बताते हुए कहा कि स्थानीय लोग सोमवार को ही पारित भूमि राजस्व विधेयक से बेहद ख़फ़ा हैं.मंत्रियों के कर्मचारी आग लगाए जाने के बाद बच निकलने में कामयाब हुए . इस अधिनियम के मुताबिक़, गैर आदिवासी लोग अब आदिवासियों की ज़मीन ख़रीद सकते हैं. इसके पहले आदिवासियों की ज़मीन क़ानूनी तौर पर नहीं ख़रीदी जा सकती थी. लोगों को इस बात पर गुस्सा था कि मंत्रियों और इन विधायकों ने भूमि विधेयक का विरोध नही किया और उसे पारित होने दिया. मणिपुर में इनर लाइन परमिट भी एक मुद्दा काफ़ी दिनों से रहा है. मणिपुर के लोग मांग करते रहे हैं कि नागालैंड, मिज़ोरम और अरुणाचल प्रदेश की तरह वहां भी इनर लाइन परमिट की व्यवस्था हो. हांलाकि सरकार ने पहले इनर लाइन परमिट की मांग मान ली थी. सोमवार को राज्य विधासनभा में इनर लाइन परमिट सहित पर तीन विधेयक पारित किए गए. इनर लाइन परमिट के तहत लोगों को बाहरी राज्य में घुसने के लिये प्रदेश सरकार से परमिट लेना पड़ता है.
कुकी बहुल इलाक़ा
चूड़ाचंद्रपुर ज़िला कुकी बहुल इलाक़ा है. कुकी छात्र संगठन की इंफ़ाल ज़िला ईकाई के सचिव शोंगबातेई ने इसकी वजह बताते हुए कहा कि स्थानीय लोग सोमवार को ही पारित भूमि राजस्व विधेयक से बेहद ख़फ़ा हैं.मंत्रियों के कर्मचारी आग लगाए जाने के बाद बच निकलने में कामयाब हुए . इस अधिनियम के मुताबिक़, गैर आदिवासी लोग अब आदिवासियों की ज़मीन ख़रीद सकते हैं. इसके पहले आदिवासियों की ज़मीन क़ानूनी तौर पर नहीं ख़रीदी जा सकती थी. लोगों को इस बात पर गुस्सा था कि मंत्रियों और इन विधायकों ने भूमि विधेयक का विरोध नही किया और उसे पारित होने दिया. मणिपुर में इनर लाइन परमिट भी एक मुद्दा काफ़ी दिनों से रहा है. मणिपुर के लोग मांग करते रहे हैं कि नागालैंड, मिज़ोरम और अरुणाचल प्रदेश की तरह वहां भी इनर लाइन परमिट की व्यवस्था हो. हांलाकि सरकार ने पहले इनर लाइन परमिट की मांग मान ली थी. सोमवार को राज्य विधासनभा में इनर लाइन परमिट सहित पर तीन विधेयक पारित किए गए. इनर लाइन परमिट के तहत लोगों को बाहरी राज्य में घुसने के लिये प्रदेश सरकार से परमिट लेना पड़ता है.
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