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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 'वन रैंक, वन पेंशन' लागू करने पर गिनाईं दिक्कतें

नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ‘एक रैंक एक पेंशन’ के तहत पूर्व सैनिकों की पेंशन में हर साल बढ़ोतरी से साफ़ इंकार कर दिया है. पीटीआई के अनुसार उनका कहना है कि वेतन या पेंशन में सालाना या हर महीने रिवीज़न दुनिया में कहीं नहीं होती है और न ही यह मुमकिन है. लेकिन उन्होंने ये ज़रूर कहा है कि सरकार सिद्धांतिक तौर पर 'एक रैंक, एक पेंशन' से सहमत है. भारतीय सेना के पूर्व सैनिक पिछले 78 दिनों से ‘एक रैंक एक पेंशन’ की मांग करते हुए दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे हैं और कुछ सैनिक भूख हड़ताल पर भी हैं. पूर्व सैनिक कहते हैं कि एक ही पद से रिटायर होने वाले सभी पूर्व सैनिकों को एक ही पेंशन मिलनी चाहिए. वे पेंशन की सालाना रिविज़न की मांग भी कर रहे हैं. 

नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद हरियाणा में अपनी पहली ही रैली में पूर्व सैनिकों से ‘एक रैंक एक पेंशन’ का वादा किया था.  हरियाणा में हुई रैली में मोदी ने कहा था कि उनकी पार्टी चुनाव जीतेगी तो पूर्व सैनिकों की इस मांग को तुरंत लागू करेगी. नरेंद्र मोदी सरकार का एक साल पूरा हो चुका है, पर 'एक रैंक एक पेंशन' अभी लागू नहीं हुआ है. भाजपा के पूर्व नेता और मशहूर वकील राम जेठमलानी ने मीडिया से बातचीत में इस मुद्दे पर मोदी सरकार की आलोचना की है और मोदी की कारगुज़ारी पर निराशा व्यक्त की है. उन्होंने जेटली को आड़े भी हाथों लिया है. जेठमलानी की आलोचना सोशल मीडिया पर छाई हुई है. ट्विटर पर राम जेठमलानी तेजी से ट्रेंड कर रहा है. ज़्यादातर लोगों वित्त मंत्री जेटली की तीखी आलोचना कर रहे हैं.

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