पिस्टल किंग 'अर्जुन अवार्डी ' गोरखा शूटर जीतू राई का EXCLUSIVE इंटरव्यू
दीपक राई , वीर गोरखा न्यूज पोर्टल
दुनिया के नंबर वन पिस्टल शूटर और भारतीय सेना में बतौर जूनियर कमीशन अधिकारी के रूप में सेवारत जीतू राई भारत के उन गिने चुने खेल हस्तियों में शुमार किये जाते हैं, जिन्होंने बीते दो सालों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कामयाबी के झंडे गाड़े हैं। वर्ल्ड चैंपियनशिप और एशियन गेम्स में गोल्ड जीतने वाले जीतू को अभी हाल ही में देश के प्रतिष्ठित खेल पुरस्कार ‘अर्जुन अवार्ड’ देने की घोषणा के बाद वीर गोरखा न्यूज पोर्टल से विशेष बातचीत में जीतू ने अपने अब तक के खेल जीवन और भविष्य के लिए अपनी योजनाओं पर खुलकर चर्चा की।
वीर गोरखा : प्रतिष्ठित खेल पुरस्कार ‘अर्जुन अवार्ड’ जीतने के लिए किसे क्रेडिट देंगे?
जीतू: स्पोर्ट्स के अलावा मेरे पूरे जीवन को भारतीय सेना ने ही संवारा हैं। बगैर सेना के योगदान के आज में उस मुकाम में खड़ा नही हो पाता जहां आज अपने आप को पाता हूं। छोटे से सैनिक की योग्यता को दुनियाभर में रोशन करना भारतीय सेना के ही बूते की बात हैं। सेना के अलावा नेशनल राइफल एसोसिएशन आॅफ इंडिया ने भी मुझे शुरुआत से ही प्रोत्साहित किया जिसका मैं अपनी कामयाबी में बड़ा योगदान मानता हूं। परिवार और मेरे खेल कोच भी मेंरे लिए महत्वपूर्ण प्रेरणा रहे हैं।
वीर गोरखा : ओलंपिक गेम्स की उल्टी गिनती शुरु हो चुकी हैं। खेलप्रेमियों की अपेक्षाओं को लेकर प्रैशर तो होगा ?
जीतू: प्रेशर खेल का ही एक हिस्सा हैं। जो प्रेशर को सही तरह से हैंडल कर गया वो निश्चित रुप से सफल रहता हैं। देश के लिए आगे अच्छा करुंगा इस यकीन के साथ प्रदर्शन में एकाग्रता बनी रहती हैं। भगवान की कृपा रही तो जरूर देश का सम् मान बढाउंगा।
जीतू: प्रेशर खेल का ही एक हिस्सा हैं। जो प्रेशर को सही तरह से हैंडल कर गया वो निश्चित रुप से सफल रहता हैं। देश के लिए आगे अच्छा करुंगा इस यकीन के साथ प्रदर्शन में एकाग्रता बनी रहती हैं। भगवान की कृपा रही तो जरूर देश का सम् मान बढाउंगा।
वीर गोरखा : आगे अभी किस इवेंट्स की तैयारियां हैं?
जीतू: अभी कुछ समय बाद ही शूटिंग वर्ल्ड कप, एशियन चैंपियनशिप और उसके बाद ओलंपिक गेम्स मेंरे फोकस में हें।
जीतू: अभी कुछ समय बाद ही शूटिंग वर्ल्ड कप, एशियन चैंपियनशिप और उसके बाद ओलंपिक गेम्स मेंरे फोकस में हें।
वीर गोरखा : ओलंपिक के शूटिंग वर्ग में भारत कितने मेडल मिल सकता हैं?
जीतू: निश्चित रुप से अच्छा ही होगा क्योंकि इस बार भारत की ओर से शूटिंग वर्ग में काफी शूटिंग खिलाड़ी ओलंपिक के लिए कोटा प्राप्त कर चुके हैं।
जीतू: निश्चित रुप से अच्छा ही होगा क्योंकि इस बार भारत की ओर से शूटिंग वर्ग में काफी शूटिंग खिलाड़ी ओलंपिक के लिए कोटा प्राप्त कर चुके हैं।
वीर गोरखा : आपको क्या अभी इंटरनेशल लेवल की कोचिंग फेसिलिटी मिल रही हैं, जिससे आपको फायदा हो?
जीतू: मैंने जितना सोचा था उससे डबल सुविधाएं मुझे मिल रही हैं। सेना, नेशनल राइफल एसोसिएशन आॅफ इंडिया और यूपी सरकार का मैं तहेदिल से शुक्रिया अदा करता हूं। अब मेरे स्वयं की ही कोताही मुझे पीछे कर सकती हैं।
जीतू: मैंने जितना सोचा था उससे डबल सुविधाएं मुझे मिल रही हैं। सेना, नेशनल राइफल एसोसिएशन आॅफ इंडिया और यूपी सरकार का मैं तहेदिल से शुक्रिया अदा करता हूं। अब मेरे स्वयं की ही कोताही मुझे पीछे कर सकती हैं।
वीर गोरखा : मध्यप्रदेश से लंबे समय का कनेक्शन आपके लिए क्या मायने रखती हैं?
जीतू: मैं वर्तमान में तो लखनऊ में रहता हूं लेकिन महू में सेना के देश में सबसे बड़े शूटिंग सेंटर होने के कारण मेरा मध्यप्रदेश से साल 2006 से संबन्ध रहा हैं। अब तो यह मेरा दूसरा घर बन गया हैं। मुझे इंदौर धूना भी काफी अच्छा लगता हैं। जब भी टाइम मिलता हैं तो मैं इंदौर घुमता जरूर हूं। एमपी में शूटिंग का माहौल देश में सबसे बेहतरीन हैं।
जीतू: मैं वर्तमान में तो लखनऊ में रहता हूं लेकिन महू में सेना के देश में सबसे बड़े शूटिंग सेंटर होने के कारण मेरा मध्यप्रदेश से साल 2006 से संबन्ध रहा हैं। अब तो यह मेरा दूसरा घर बन गया हैं। मुझे इंदौर धूना भी काफी अच्छा लगता हैं। जब भी टाइम मिलता हैं तो मैं इंदौर घुमता जरूर हूं। एमपी में शूटिंग का माहौल देश में सबसे बेहतरीन हैं।
वीर गोरखा : भारत में रहने वाले इंडियन नेपाल/गोरखा युवा के लिए कोई संदेश देना चाहेंगे ?
जीतू : मै स्वयं नेपाल से भारत इंडियन आर्मी में भर्ती होने आया था। बेहद सामान्य परिवेश में पैदा हुआ हूं। मुझे शुरूआत से ही उम्मीद थी कि कोशिश करने पर कुछ भी पाया जा सकता हें। मेरा उदहारण सबके सामने हैं। मेरा मानना हैं कि बेहतरीन योग्यता सभी गोरखा लोगों के पास काफी हैं लेकिन उनको दिशा देने वाले लोग हमारे समाज में बहुत कम हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति हैं। मेरे लिए स्थितियां सकारात्मक रही।
जीतू : मै स्वयं नेपाल से भारत इंडियन आर्मी में भर्ती होने आया था। बेहद सामान्य परिवेश में पैदा हुआ हूं। मुझे शुरूआत से ही उम्मीद थी कि कोशिश करने पर कुछ भी पाया जा सकता हें। मेरा उदहारण सबके सामने हैं। मेरा मानना हैं कि बेहतरीन योग्यता सभी गोरखा लोगों के पास काफी हैं लेकिन उनको दिशा देने वाले लोग हमारे समाज में बहुत कम हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति हैं। मेरे लिए स्थितियां सकारात्मक रही।
वीर गोरखा : आपके जीवन का कोई रोचक किस्सा ?
जीतू : किस्से तो बहुत हैं लेकिन सबसे मजेदार घटना उस वक्त की हैं जब मैं पहली बार भारत के लिए वर्ल्ड कप खेलकर अपने गांव गया। वहां जब मैनें वर्ल्ड कप में खेलने की बात बताई तो कोई मानने को ही तैयार नही हुआ। गांव के लाग कहने लगे कि तू गांव का है और तू कुछ भी बोलेगा ता हम क्या माने लेंगें। लंबा टाइम लगा उन्हे इस बात का यकीन दिलाने में।
जीतू : किस्से तो बहुत हैं लेकिन सबसे मजेदार घटना उस वक्त की हैं जब मैं पहली बार भारत के लिए वर्ल्ड कप खेलकर अपने गांव गया। वहां जब मैनें वर्ल्ड कप में खेलने की बात बताई तो कोई मानने को ही तैयार नही हुआ। गांव के लाग कहने लगे कि तू गांव का है और तू कुछ भी बोलेगा ता हम क्या माने लेंगें। लंबा टाइम लगा उन्हे इस बात का यकीन दिलाने में।
वीर गोरखा : कब तक विवाह बंधन में बंधने कर इरादा हैं? कोई गर्लफैंड ?
जीतू : (हंसते हुए) नही अभी तक तो मै बिल्कुल अकेला हूं। रही बात शादी की तो मैं अभी अपने खेल करियर पर ज्यादा फोकस्ड हूं।
जीतू : (हंसते हुए) नही अभी तक तो मै बिल्कुल अकेला हूं। रही बात शादी की तो मैं अभी अपने खेल करियर पर ज्यादा फोकस्ड हूं।
वीर गोरखा : आपको आर्मी ज्वाइन किये हुए कितने साल हो गए हैं ?
जीतू : मुझे अभी आर्मी ज्वाइन किये हुए 9 साल हो गए हैं और अभी मैं 11 गोरखा रेजीमेंट में नायब सूबेदार के पद में सेवारत हूं।
जीतू : मुझे अभी आर्मी ज्वाइन किये हुए 9 साल हो गए हैं और अभी मैं 11 गोरखा रेजीमेंट में नायब सूबेदार के पद में सेवारत हूं।
वीर गोरखा : हिन्दी फिल्में देखते हो?
जीतू : जब भी टाइम मिलता हें तो जरूर देखता हूं।
जीतू : जब भी टाइम मिलता हें तो जरूर देखता हूं।
वीर गोरखा : आपके फवरेट एक्टर्स?
जीतू : मुझे सलमान खान और आमिर खान बहुत पसंद हैं। अभी हाल ही मैंने सलमान की बजरंगी भाईजान देखी।
वीर गोरखा : कैसी लगी आपको फिल्म?
जीतू : फिल्म बहुत बढ़िया थी।
जीतू : फिल्म बहुत बढ़िया थी।
आर्मी चीफ जनरल दलबीर सिंह सुहाग के साथ जीतू |
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