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NSA मीटिंग कैंसलः PAK EXPERTS बोले- हमें नुकसान, शांति खतरे में

नई दिल्ली/इस्लामाबाद : भारत और पाकिस्तान के बीच नेशनल सिक्युरिटी एडवाइजर्स (एनएसए) की मीटिंग कैंसल होने से पड़ोसी देश ज्यादा चिंतित है। पाकिस्तानी एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस डेडलॉक की वजह से दोनों देशों को नुकसान होगा, लेकिन पाकिस्तान पर इसका असर ज्यादा पड़ेगा। उनका मानना है कि दोनों देशों के बीच बातचीत न होना रीजनल पीस (क्षेत्रीय शांति) के लिए भी अच्छी बात नहीं है।

क्या कहना है पाकिस्तानी एक्सपर्ट्स का?
साउथ एशियन अफेयर्स के एक्सपर्ट डॉ. रशीद अहमद खान ने कहा कि बातचीत सस्पेंड करने पाकिस्तान को ही ज्यादा नुकसान होगा क्योंकि अमेरिकी प्रेसिडेंट बराक ओबामा पहले ही पाकिस्तान में प्रतिबंधित आतंकी संगठनों को लेकर चिंता जाहिर कर चुके हैं।

नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी के प्रो. परवेज इकबाल चीमा ने भारत की विदेश मंत्री की ओर से लगाई गई शर्तों को 'तर्कहीन' करार दिया। उन्होंने कहा, ''बातचीत से पहले शर्त रखना अच्छी बात नहीं है। मोदी सरकार ने उफा में हुए समझौते को तोड़ने के लिए केवल सरताज अजीज के हुर्रियत नेताओं से मुलाकात को बहाने के रूप में इस्तेमाल किया।'' पाकिस्तानी एक्सपर्ट्स कश्मीरी अलगाववादियों से पाकिस्तानी डिप्लोमैट्स से मुलाकात को गलत नहीं मान रहे हैं।

- पेशावर यूनिवर्सिटी में पॉलिटिकल साइंस डिपार्टमेंट के हेड डॉ. एजेड हिलाली ने कहा कि इस डेडलॉक के लिए भारत का पुराना कड़ा रवैया जिम्मेदार है। भारत सरकार जनता को यह दिखाने में लगी है कि वह पाकिस्तान को कश्मीर के मुद्दे से दूर कर चुका है। उन्होंने कहा, ''बातचीत का कोई मतलब होना चाहिए। अब साउथ एशिया को लेकर अमेरिकी सरकार का रवैया बदल चुका है। अमेरिका कह चुका है कि भारत और पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे पर एक दूसरे से बात करें।''

- पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की वाइस प्रेसिडेंट शेरी रहमान ने कहा, ''बातचीत के लिए एजेंडा और नियम बदल कर भारत बातचीत के लिए मजबूर नहीं कर सकता। यह दोनों देशों के लिए अच्छी बात नहीं होगी। अगर उफा समझौते को लेकर कोई असमंजस की स्थिति थी तोपहले ही उसे खत्म कर लिया जाना चाहिए था।''

NSA मीटिंग कैंसल होने पर भारत में रिएक्शन

-  कांग्रेस ने पाकिस्तान के साथ बातचीत न होने को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषक मनु सिंघवी ने कहा, ''भारत सरकार पाकिस्तान के हाथ में खेलती रही। केंद्र सरकार ने कोई तैयारी नहीं की थी। पाकिस्तान की यह आदत रही है कि वह आतंकवाद पर भागता रहता है, यह हमें पता होना चाहिए था। और उस हिसाब से तैयारी करनी चाहिए थी।''

- होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने कहा, ''भारत और पाकिस्तान के बीच उफा में समझौते के हिसाब से बात होनी थी। पाकिस्तान को उफा में तय एजेंडा से भटकना नहीं चाहिए था। उसने खुद ही एजेंडे से भटक कर बातचीत कैंसल की। उफा में कश्मीर किसी एजेंडा में शामिल नहीं था। अगर उसे इस मुद्दे पर बात करनी ही थी तो यह पहले ही क्यों नहीं तय कर लिया। यह मुद्दा तो कभी था ही नहीं।''

- एनएसए मीटिंग कैंसल होने के बाद बीजेपी के सीनियर लीडर यशवंत सिन्हा ने कहा, ''पाकिस्तान से बातचीत नहीं होने से युद्ध नहीं हो जाएगा। पाकिस्तान ने उफा एग्रीमेंट को गलत समझा। इसलिए मोदी सरकार को बात नहीं करनी चाहिए। जब तक हम रिजल्ट को लेकर श्योर न रहें तब तक पाकिस्तान से बातचीत नहीं करना चाहिए।''

उफा समझौते से लेकर बातचीत कैंसल होने तक 10 डेवलपमेंट्स...

1. रूस के शहर उफा में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की 10 जुलाई को मुलाकात हुई। इस दौरान पांच समझौते के साथ दोनों देशों ने ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी किया। यहीं तय हुआ कि दोनों देश के एनएसए (भारत के अजीत डोभाल और पाकिस्तान के सरताज अजीज) जल्द मुलाकात करेंगे।

2. मुलाकात नई दिल्ली में होने वाली थी। इसलिए भारत ने तारीखों का एलान किया। 23-24 अगस्त की तारीख तय की गई। बाद में इस दिन को कन्फर्म किया।

3. बातचीत की तैयारियों के बीच दिल्ली स्थित पाकिस्तान हाई कमिशन की ओर से कश्मीरी अलगाववादी नेताओं को मंगलवार (18 अगस्त) को फोन किया गया। हाई कमिश्नर अब्दुल बासित ने फोन पर हुर्रियत नेताओं को 23 अगस्त को दिल्ली में दावत के लिए बुलाया। इसी दौरान पाकिस्तान के एनएसए इन नेताओं से मुलाकात करने वाले थे।

4. पाकिस्तान की इस हरकत पर भारत ने 19 अगस्त को विरोध जताया। मोदी सरकार की ओर से स्पष्ट कहा गया कि इसका जवाब दिया जाएगा। भारत ने पिछले साल हुर्रियत नेताओं से बातचीत के कारण विदेश सचिव लेवल की मीटिंग कैंसल करने की घटना को भी याद दिलाया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा- पाक को 18 अगस्त को बता दिया था कि बैठक से पहले या बाद में हुर्रियत नेताओं से बात करना सही नहीं होगा।

5. भारत ने गुरुवार (20 अगस्त) को कश्मीर में अलगाववादी नेताओं को हाउस अरेस्ट कर लिया। यासीन मलिक को अरेस्ट किया गया। हालांकि, कुछ घंटे बाद ही सभी अलगाववादी नेताओं के घर से पुलिस हटा ली गई। तीन घंटे की इस नजरबंदी को भारत की ओर से पाकिस्तान को कड़ा संकेत करार दिया गया।

6. भारत की हिदायत के बाद भी पाकिस्तान हुर्रियत नेताओं से मीटिंग से पीछे हटने को तैयार नहीं हुआ। अब्दुल बासित ने कहा- पाकिस्तान के प्रतिनिधि भारत दौरे पर पहले भी कश्मीर के नेताओं से मिलते रहे हैं। उधर, शरीफ और सरताज अजीज आर्मी चीफ राहिल शरीफ से मिले। फिर पाक ने कहा हम भारत की शर्तों पर बात नहीं करेंगे।

7. पाकिस्तान से हौसला मिलने के बाद हुर्रियत नेताओं ने कहा कि वह दिल्ली जाएंगे और अजीज से मिलेंगे। इधर, गृह मंत्रालय ने संकेत दिया कि अगर अलगाववादी दिल्ली पहुंचे तो हवाई अड्डे पर ही अरेस्ट किया जाएगा। शुक्रवार की शाम पाकिस्तान के विदेश सचिव एजाज अहमद ने कहा कि पाक हुर्रियत को ही जम्मू-कश्मीर का सच्चा प्रतिनिधि मानता है। उफा में दोनों देश आतंकवाद समेत बाकी सभी मुद्दों पर भी बात करने को लेकर राजी हुए थे।

8. शनिवार (22 अगस्त) को पाकिस्तान के एनएसए अजीज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा, ''भारत बातचीत से भाग रहा है। भारत ने ही प्री-कंडिशन रख दी है कि हम हुर्रियत से न मिलें। कश्मीर के बिना कोई बात नहीं हो सकती।'' अजीज ने भारत पर मीडिया के जरिए डिप्लोमेसी करने का आरोप लगाया।

9. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अजीज के सवालों को जवाब दिया। उन्होंने कहा, ''हम भाग नहीं रहे। हम आतंकवाद और हिंसा से मुक्त बातचीत के लायक माहौल चाहते हैं। यह प्री-कंडिशन नहीं है। शिमला एग्रीमेंट की स्पिरिट को समझें। थर्ड पार्टी मंजूर नहीं है। बात तो सिर्फ टेररिज्म पर होगी। उफा में कश्मीर का जिक्र नहीं हुआ था। हुर्रियत से न मिलें और आतंकवाद पर ही बात करें।'' सुषमा ने इशारों-इशारों में रात 12 बजे तक की डेडलाइन भी दे दी थी।

10. शनिवार देर रात पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि सरताज अजीज भारत नहीं आएंगे। भारत की शर्तें हमें मंजूर नहीं हैं।

- भास्कर
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