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केंद्र सरकार ने आखिरकार वन रैंक वन पेंशन की अधिसूचना की जारी


नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने वन रैंक वन पेंशन लागू करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी है. रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सितांशु कर ने ट्विटर पर ये जानकारी दी. उन्होंने बताया, "पुराने पेंशनरों की पेंशन 2013 में रिटायर हुए लोगों की पेंशन के हिसाब से तय की जाएगी. ये फ़ायदा उन्हें एक जुलाई 2014 से मिलेगा." ओरआरओपी अभियान का हिस्सा रहे पूर्व डीजी, सैन्य ऑपरेशन चंद्रमोहन जगोटा ने कहा कि पूरी अधिसूचना पढ़े बग़ैर अभी वो कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे. पूर्व सैनिक पिछले कई महीनों से वन रैंक वन पेंशन की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. सितंबर में सरकार ने उनकी मांगें अपनी शर्तों के तहत मानने की घोषणा की थी. लेकिन पूर्व सैनिक इससे पूरी तरह ख़ुश नहीं थे. 

सरकार ने उस समय कहा था कि ओआरओपी का फ़ायदा एक जुलाई 2014 से लागू किया जाएगा और पेंशन हर पांच साल में निर्धारित की जाएगी. साथ ही ये भी कहा गया था कि जो सैनिक स्वेच्छा से रिटायरमेंट (वीआरएस) लेते हैं उन्हें ओआरओपी नहीं मिलेगा. इसमें युद्ध में घायल होने के कारण रिटायर होने वाले सैनिक शामिल नहीं हैं. लेकिन बाद में प्रधानमंत्री मोदी ने फ़रीदाबाद में एक रैली में कहा था कि वन रैंक वन पेंशन का फ़ायदा सभी रिटायर्ड सैनिकों को मिलेगा और वीआरएस (स्वेच्छा से रिटायरमेंट) लेने वाले सैनिकों के बारे में भी लागू होगा. प्रधानमंत्री ने कहा था कि जो सैनिक 15-20 साल की सेवा के बाद रिटायर होते हैं, वो भी इसके हकदार होंगे. लेकिन पूर्व सैनिकों ने उस समय विरोध जताया था कि पांच साल के बाद पेंशन रिवीज़न स्वीकार्य नहीं है. ये या तो एक साल हो या फिर दो साल हो.

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