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गोरखपुर : नेपाली छात्रों के लिए दो नये छात्रावास, पुराने के बहुरेंगे दिन


 गोरखपुर : तोहफा, सही अर्थों में तो वही होता है, जिसके मिलने की कोई संभावना न हो और अचानक से मिल जाए। गुरुवार को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित राज्य सरकार के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विश्वविद्यालय के छात्रावासियों की गुहार सुन ली। मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय के पुराने छात्रावासों की खराब स्थिति का स्वत: संज्ञान लेते हुए इन्हें सुधारने की घोषणा की, साथ ही नेपाल मूल के छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग दो छात्रावास बनवाने का भी वादा किया। मुख्यमंत्री ने कुलपति प्रो.अशोक कुमार से इस संबंध में प्रस्ताव बनाकर भेजने को कहा है।

बकौल मुख्यमंत्री, सभी लोग कुछ न कुछ मांगते हैं, पर कुलपति जी ने कभी किसी चीज की मांग नहीं की। ऐसा क्यों, इसका कारण तो वही बता सकते हैं। पूर्व में एक बार पार्टी के कार्यक्रम के सिलसिले में गोरखपुर आया था, तो छात्रावास में भी जाना हुआ था। देखने पर महसूस हुआ कि यहां के छात्रावास बदहाल हैं और सुधार की जरूरत है। सरकार इन छात्रावासों की मरम्मत कराएगी। इस विश्वविद्यालय में नेपाल के छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में पढ़ाई करते हैं, सरकार यहां नेपाल मूल के छात्र और छात्राओं के लिए एक-एक छात्रावास भी बनवाएगी। मुख्यमंत्री द्वारा अचानक की गई इस घोषणा का सभी ने जोरदार तालियों से स्वागत किया।

कुलपति से पूछी नेपाली छात्रों की संख्या
कार्यक्रम समाप्त होने के बाद कुलपति प्रो.अशोक कुमार से मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय में अध्ययनरत नेपाली मूल के छात्र-छात्राओं की संख्या पूछी, साथ ही घोषणाओं के संबंध में प्रस्ताव बनाकर लखनऊ आने को कहा। कुलपति प्रो.अशोक कुमार ने विश्वविद्यालय को छात्रावासों का तोहफा दिए जाने पर आभार जताया है।
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