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मधेश आंदोलन: दिनों दिन बद से बदतर होती जा रही नेपाल की स्थिति


पड़ोसी देश नेपाल के हालात ठीकठाक नहीं। नेपाल में नये संविधान लागू होने के बाद राजनीतिक अधिकार के लिए मधेशियों द्वारा आहूत मधेश आंदोलन का असर नेपाल के साथ-साथ सीमावर्ती भारतीय भू-भाग में भी दिख जा रहा है। नेपाल में जहां दैनिक जरूरत के चीजों की किल्लत हो चली है। वहीं सीमावर्ती भारतीय भू-भाग के बाजारों की भी रौनक जैसे गायब है। आये दिन नेपाल पुलिस, सेना व मधेशियों के बीच हिंसक झड़पे हो जा रही है। फिलहाल मधेश आंदोलन का कोई हल निकलता नजर नहीं आ रहा।

चार माह से जारी है मधेशियों का विरोध-प्रदर्शन
नेपाल में संविधान लागू होने के बाद मधेशी समुदाय के लोगों की राजनीतिक उपेक्षा से आहत मधेशियों ने राजनीतिक अधिकार को ले आंदोलन की राह पकड़ ली है। चार माह से मधेशी अपने अधिकार को ले आंदोलनरत हैं। जगह-जगह मधेशियों द्वारा नेपाली संविधान व सरकार का विरोध किया जा रहा है। मधेशियों द्वारा किये गये आर्थिक नाकाबंदी से नेपाल के हालात बदतर हो चले हैं। मधेशियों ने घोषणा की है कि कोई भी माल लदा वाहन नेपाली भू-भाग में पकड़ा जाएगा तो माल सहित गाड़ी में आग लगा दी जाएगी। परिणाम स्वरूप भारत-नेपाल सीमा पर भारतीय भू-भाग में दैनिक जरूरतों की चीजों से लदे सैकड़ों वाहन खड़े हैं और नेपाल में दैनिक जरूरत की चीजों से नेपाल के नागरिक जूझ रहे हैं।

मधेश आंदोलन को कुचलने का प्रयास कर रही नेपाल पुलिस
लगभग चार माह से जारी मधेश आंदोलन के क्रम में अब तक 5 दर्जन से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। वहीं सैकड़ों लोग घायल हैं। नेपाली सेना व पुलिस मधेश आंदोलन को कुचलने के लिए आये दिन सख्ती दिखा रही है। नतीजा होता है कि मधेशी व नेपाली पुलिस के बीच अक्सर हिंसक झड़प हो जाती है। 16 दिसंबर को नेपाली राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी जनकपुर पहुंची तो मधेशियों ने उनका जम कर विरोध किया। काले झंडे दिखाये और सभा मंच को फूंक डाला। स्थिति पर काबू पाने को लेकर नेपाल पुलिस ने लाठी-चार्ज किया व आंसू गैस छोड़े। जिसमें 15 से अधिक लोगों के घायल होने की सूचना है। किसी तरह नेपाली राष्ट्रपति को वायु मार्ग से काठमांडु भेजा गया। ज्यों-ज्यों समय बीत रहा है मधेशियों का आंदोलन उग्र होता जा रहा है।

गुलजार रहने वाला सीमावर्ती इलाका दिखने लगा है वीरान
जहां तक मधेश आंदोलन का सवाल है तो इसका असर अब सीमा पार भारतीय भू-भाग में भी दिख जा रहा है। नेपाली नागरिकों के आवागमन से गुलजार रहने वाला सीमावर्ती इलाका वीरान सा दिखने लगा है। जानकारों की मानें तो नेपाल में रसोई गैस, पेट्रोल, डीजल, दवा, खाद, नमक सहित दैनिक जरूरत चीजों की घोर कमी हो चली है। अधिकांश चीजें भारत से ही नेपाल जाती हैं। पर आर्थिक नाकेबंदी व मधेशियों के ट्रक जला देने की घोषणा से सैकड़ों ट्रक सीमा पर भारतीय भू-भाग में महीनों से खड़े पड़े हैं। मधेशी आंदोलन से नेपाल की स्थिति दिनानुदिन बदतर होती जा रही है।

- जागरण
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