देहरादून में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर गोरखा महिला IAS अंजुला कार्की का सम्मान
देहरादून : गोर्खाली सुधार सभा के मानेकशॉ सभागार में सबकी सहेली फाउण्डेशन एवं आगाज़ फैडरेशन द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम में गोरखा समाज की महिला आईएएस अधिकारी और संस्था की संरक्षक श्रींमती अंजुला कार्की (1985 बैच) एवं श्रीमती सुशीला क्षेत्री (उम्र 70 वर्ष) को बुजुर्ग प्रेरक महिला सम्मान से सम्मानित किया गया। वहीं उनके अलावा समाज के विभिन्न क्षेत्रों में बेहतरीन कार्य करने के लिए महिला संचेतक के रूप में श्रीमती अनीता घले, श्रीमती जगश्वरी राई (पुरोहितवाला), श्रीमती गीता राणा (टिहरी), श्रीमती सरोज गुरुंग (नया गाँव), श्रीमती सीमा क्षेत्री (चन्द्रबनी), श्रीमती प्रभा शाह (गढी कैंट) को महिलाओं के अधिकार, मदद के लिए सामाजिक संचेतना पुरस्कार प्रदान किया गया। कार्यक्रम में अतिथियों को आयोजको की और से स्मृति चिन्ह भी प्रदान किये गए। साथ ही शपथ ग्रहण किया गया। समाज और आस पड़ोस में होने वाली किसी भी प्रकार की महिला हिंसा के प्रति कोई भी महिला चुप नहीं रहेंगी।
बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में बोलते हुए राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष सरोजनी कैंतुरा ने कहा कि महिलायें ही परिवार और समाज की आधारशिला हैं। आज के विकास के दौर में महिलाओं को कम आंका जाना ठीक नहीं है। सामाजिक समरसता, एकता और नेतृत्व के लिए महिला अधिकारों की पैरवी करना, महिलाओं के लिए प्रगति की राह बनाना हम सभी का परम कत्र्तव्य है। आगाज़ फैडरेशन एवं सबकी सहेली फाउण्डेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि सामाजिक संचेतक के रूप में जिन महिलाओं को उनके संघर्ष और संचेतना के लिए सम्मानित किया जा रहा है वे समाज में आमूल-चूल परिवर्तन लायेंगी ताकि महिलायें गैर बराबरी का दंश ना झेलें।
कार्यक्रम में रमिन्द्री मंद्रवाल ने महिलाओं के प्रति बढ़ती हिंसा पर चिंता व्यक्त की साथ ही लिंग भेद के प्रति व्यापक जन जागरूकता की आवश्यकता पर बल दिया। घर से बेटे को शै संस्कार सिखाने की आवश्यकता पर बल दिया। काउंसलर एवं मनोवैज्ञानिक डाॅ. मुकुल शर्मा ने महिलाओं को अपने संघर्ष को जारी रखने के लिए प्रेरक एवं मनोवैज्ञानिक सलाह दी साथ ही एकजुट होकर बढ़ने की आवश्यकता पर बल दिया। महिलाओं को संबोधित करते हुए उपासना थापा ने कहा कि राजनैतिक नेतृत्व के रूप में सुशिक्षित होकर महिलायें समाज को नई दिशा दे सकती हैं इसके लिए एकजुटता बेहद जरूरी है। महिलाओं को संगठन बनाकर लड़ना होगा। तीन बार की ग्राम प्रधान श्रीमती राधा देवी और पूर्वा महिला आयोग की सदस्य श्रींमती मधु थापा ने भी प्रतिभागियों को संबोधित किया।
श्रीमती शीतल मल्ल, एवं जेपी मैठाणी द्वारा संयुक्त रूप से कार्यक्रम का संचालन किया गया। इस अवसर पर कई संगठनों के महिला प्रेरक, ग्रामीण महिलायें एवं जन प्रतिनिधि और अध्यक्ष गोरखाली सुधार सभा कर्नल बी.एस. क्षेत्री, वरिष्ठ उपाध्यक्ष कर्नल एनएस थापा, संजय मल्ल (गोरखा इंटरनेशनल), सुनीता क्षेत्री, माया पंवार, मंजू कार्की, मीनू आले, सुषमा प्रधान, अनीता डाटा, कल्पना शाही, शोभा कन्याल, कामिनी, मंजू त्रिपाठी, पिंकी, अनीता थापा, सरोज गुरुंग, पूर्णिमा प्रधान, पूनम गुरुंग, सीमा वर्मा, विशाखा उपाध्याय, अमित मैठाणी, राहुल नैनवाल, किरण खत्री, ज्योति थापा, रजनी थापा, संध्या थापा एवं पदम सिंह थापा, मधुसुदन, अरविन्द डंगवाल आदि मौजूद थे। इस अवसर पर 200 से अधिक महिलाओं ने भाग लिया।
बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में बोलते हुए राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष सरोजनी कैंतुरा ने कहा कि महिलायें ही परिवार और समाज की आधारशिला हैं। आज के विकास के दौर में महिलाओं को कम आंका जाना ठीक नहीं है। सामाजिक समरसता, एकता और नेतृत्व के लिए महिला अधिकारों की पैरवी करना, महिलाओं के लिए प्रगति की राह बनाना हम सभी का परम कत्र्तव्य है। आगाज़ फैडरेशन एवं सबकी सहेली फाउण्डेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि सामाजिक संचेतक के रूप में जिन महिलाओं को उनके संघर्ष और संचेतना के लिए सम्मानित किया जा रहा है वे समाज में आमूल-चूल परिवर्तन लायेंगी ताकि महिलायें गैर बराबरी का दंश ना झेलें।
कार्यक्रम में रमिन्द्री मंद्रवाल ने महिलाओं के प्रति बढ़ती हिंसा पर चिंता व्यक्त की साथ ही लिंग भेद के प्रति व्यापक जन जागरूकता की आवश्यकता पर बल दिया। घर से बेटे को शै संस्कार सिखाने की आवश्यकता पर बल दिया। काउंसलर एवं मनोवैज्ञानिक डाॅ. मुकुल शर्मा ने महिलाओं को अपने संघर्ष को जारी रखने के लिए प्रेरक एवं मनोवैज्ञानिक सलाह दी साथ ही एकजुट होकर बढ़ने की आवश्यकता पर बल दिया। महिलाओं को संबोधित करते हुए उपासना थापा ने कहा कि राजनैतिक नेतृत्व के रूप में सुशिक्षित होकर महिलायें समाज को नई दिशा दे सकती हैं इसके लिए एकजुटता बेहद जरूरी है। महिलाओं को संगठन बनाकर लड़ना होगा। तीन बार की ग्राम प्रधान श्रीमती राधा देवी और पूर्वा महिला आयोग की सदस्य श्रींमती मधु थापा ने भी प्रतिभागियों को संबोधित किया।
श्रीमती शीतल मल्ल, एवं जेपी मैठाणी द्वारा संयुक्त रूप से कार्यक्रम का संचालन किया गया। इस अवसर पर कई संगठनों के महिला प्रेरक, ग्रामीण महिलायें एवं जन प्रतिनिधि और अध्यक्ष गोरखाली सुधार सभा कर्नल बी.एस. क्षेत्री, वरिष्ठ उपाध्यक्ष कर्नल एनएस थापा, संजय मल्ल (गोरखा इंटरनेशनल), सुनीता क्षेत्री, माया पंवार, मंजू कार्की, मीनू आले, सुषमा प्रधान, अनीता डाटा, कल्पना शाही, शोभा कन्याल, कामिनी, मंजू त्रिपाठी, पिंकी, अनीता थापा, सरोज गुरुंग, पूर्णिमा प्रधान, पूनम गुरुंग, सीमा वर्मा, विशाखा उपाध्याय, अमित मैठाणी, राहुल नैनवाल, किरण खत्री, ज्योति थापा, रजनी थापा, संध्या थापा एवं पदम सिंह थापा, मधुसुदन, अरविन्द डंगवाल आदि मौजूद थे। इस अवसर पर 200 से अधिक महिलाओं ने भाग लिया।
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