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माउण्ट आबू के पहाड़ में आग का तांडव, आग पर काबू पाने में दिन-रात जुटे जांबाज गोरखा जवान



माउण्ट आबू : राजस्थान का एक मात्र पर्वतीय पर्यटन स्थल माउण्ट आबू इन दिनों आग के तांडव में जल रहा है। पिछले चार दिनों से आग का तांडव पूरे माउण्ट आबू की पहाड़ियों को तकरीबन पूरा जलाकर खाक कर रहा है। हालांकि, गोरखा रेजीमेंट के जांबाज जवान स्थानीय प्रशासन और सीआरपीएफ के साथ मिलकर दिन-रात इस विकराल आग पर काबू पाने में जुटे हुए हैं। इसके साथ ही वायु सेना के दो हेलिकॉप्टर 4 दिनों से आग पर काबू पाने की पूरी कोशिश में लगे हुए हैं।

तीस वर्षों में सबसे भीषण और भयावह आग
पिछले तीस वर्षों में सबसे भीषण और भयावह आग है, जो कई किमी में फैल चुकी है। इस भीषण आग से पूरी वन सम्पदा खाक हो रही है। इसके कारण चारों ओर धुएं का गुब्बार ही गुब्बार नजर आता है। रात की बात करें तो रात में जैसे लगता है कि पूरे माउण्ट आबू की पहाड़ियों में गांव बसे हैं, जहां लाइटें ही लाइटें नजर आती हैं। सबसे बड़ी बात है कि अब लोगों में वन विभाग के खिलाफ आक्रोश फैल रहा है। खुद आबू पिण्डवाड़ा विधायक समाराम गरासिया भी दोषी वन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है, जिससे आगे इस तरह की घटनाएं दोबारा ना हो सकें।

पूरा प्रशासनिक अमला मौके पर जुटा
आग पर काबू पाने के लिए पूरा प्रशासनिक अमला मौके पर जुटा है। जोधपुर सम्भागीय आयुक्त रतन लाहोटी, जिला कलेक्टर अभिमन्यु कुमार, अतिरिक्त कलेक्टर, माउण्ट आबू उपखण्ड अधिकारी सुरेश कुमार ओला, डीएसपी विजयपाल सिंह, यूआईटी चेयरमैन सुरेश कोठारी, आबू रोड पालिकाध्यक्ष सुरेश सिंदल, माउण्ट आबू पालिका अध्यक्ष सुरेश थिंगर, तहसीलदार मनसुख डामोर साथ ही जिले भर के सभी आला अधिकारी मौके पर जमें हुए हैं। उधर, प्रशासन ने दावा किया कि माउंट आबू के जगंलों में लगी आग पर 90 प्रतिशत काबू पा लिया है। लेकिन जिस तरह से आग के लगने का सिलसिला जारी है और प्रशासन के दावे को सिरे से नकारता है। आरणा में फैली आग पर सेना के जवानों द्वारा फायर लाइन बनाकर आग पर काबू पाया गया, वरना आग के आबादी क्षेत्र में घुसने की आशंका बनी हुई थी।

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