आखिरकार नेपाल - चीन की आर्मी ने शुरू किया 10 दिवसीय संयुक्त सैन्य अभ्यास, भारत की बढ़ी मुश्किलें
काठमांडू : दक्षिण एशिया में बीजिंग के बढ़ते दखल से भारत के लिए चिंता का सबब बनने के बीच नेपाल और चीन ने आज संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है, जिसका केंद्र बिंदु आतंकवाद से मुकाबला होगा। यह कदम भारत को असहज कर सकता है। नेपाली सेना ने कहा कि 10 दिवसीय सैन्य अभ्यास ‘सागरमाथा फ्रेंडशिप-2017' 25 अप्रैल तक चलेगा। इसका आयोजन दोनों देशों की आतंकवाद के खिलाफ अपनी तैयारी के तहत किया जा रहा है। आतंकवाद ने सुरक्षा के लिए वैश्विक स्तर पर गंभीर खतरा पैदा किया है। दुनिया की सबसे उंची चोटी माउंट एवरेस्ट का नेपाली नाम सागरमठ है।
नेपाल की सेना ने कहा कि चाइनीज पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का एक दस्ता साझा सैन्य अभ्यास में भाग लेने के लिए पहले ही काठमांडो पहुंच चुका है। चीन के साथ साझा सैन्य अभ्यास नेपाली सेना की सैन्य कूटनीति के विस्तार के तौर पर देखा जा रहा है। नेपाल लंबे समय से भारतीय और अमेरिकी सेना के साथ साझा सैन्य अभ्यास करता रहा है। सेना के प्रवक्ता झनकार बहादुर कदायत ने कहा, 'नेपाली सैन्यकर्मियों के साथ पहले अभ्यास में थोडी संख्या में चीनी सैनिक शामिल होंगे।' उन्होंने भाग ले रहे सैनिकों की कुल संख्या के बारे में नहीं बताया।
अभ्यास सेना के महाराजगंज आधारित प्रशिक्षण स्कूल पर हो रहा है। नेपाली सेना ने कहा कि चीन के साथ साझा सैन्य अभ्यास आतंकवाद के संभावित खतरे के खिलाफ तैयारियों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। नेपाल ने चीनी रक्षा मंत्री चांग वानगुआन के 24 मार्च के आधिकारिक नेपाल दौरे के समय साझा सैन्य अभ्यास का प्रस्ताव दिया था। जानकारों का मानना है कि साझा सैन्य अभ्यास भारत को असहज कर सकता है क्योंकि चीन क्षेत्र में अपना प्रभाव बढाने की कोशिश कर रहा है।
Post a Comment