गोरखालैंड आंदोलन में ममता की पुलिस फोर्स ने शहीद किए 4 प्रदर्शनकारी, 1 पुलिस अफसर की भी मौत
दार्जिलिंग : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की दमनकारी कार्रवाई के चलते दार्जिलिंग में स्थित बहुत ही खतरनाक स्थिति में पहुँच गयी है। आज पृथक गोरखालैंड राज्य आंदोलन के लिए प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने गोली बरसानी शुरू कर दी। जिसमें चार गोरखा प्रदर्शनकारी की मृत्यु हो गयी। आज पुलिस की फायरिंग में मोर्चा समर्थक महेश गुरुंग की भी मौत हो गयी है। महेश को गंभीर हालत में सिलीगुड़ी ले जाते समय रास्ते में मौत हो गयी। महेश का शव सोनादा में लाया गया है। इसके साथ ही आईआरबी के दूसरी बटालियन के असिस्टेंट कमांडेंट किरण तमांग की भी आंदोलन के दौरान गंभीर हमले के बाद दार्जिलिंग जिला अस्पताल में मौत हो गयी। उनके ऊपर कुछ दिन पूर्व धारदार हथियार से हमला किया गया था। इसके अलावा 35 पुलिसकर्मी और दर्जनों बंद समर्थकों के घायल होने की सूचना है. इस बीच गोरखा जनमुक्ति मोर्चा प्रमुख विमल गुरुंग ने आज के प्रदर्शन के दौरान मारे गए जीजेएम समर्थक को शहीद बताया है. गुरुंग ने कहा है कि यह गोरखालैंड की अंतिम लड़ाई है. अलग राज्य के बगैर हम किसी भी शर्त पर मानने को तैयार नहीं हैं.
संघर्ष में अब तक कई पुलिसकर्मी जख्मी
पश्चिम बंगाल के एडीजी (ला एंड आर्डर) अनुज शर्मा ने बताया कि झड़पों के दौरान पुलिस के एक जवान को गोली भी लगी है. उन्होंने आगे कहा कि पुलिस ने कोई फ़ायरिंग नहीं की. अलबत्ता, प्रदर्शनकारियों ने ही पुलिस पर पत्थरबाज़ी की. हमले किए और हमारे 35 जवानों को घायल कर दिया. बंद समर्थकों ने पुलिस की दो गाड़ियों में आग भी लगा दी. इसके बाद हमने सात लोगों को गिरफ़्तार किया. वहीं, दूसरी ओर गोरखा जनमुक्त मोर्चा के सह सचिव बिनय तमांग ने पुलिस पर सच को छिपाने का आरोप लगाया है.
तनाव का कारण - डेस्टिनेशन पाटलेबास
दरअसल, गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) और दूसरे संगठनों ने आज 'डेस्टिनेशन पाटलेबास' नाम से विरोध मार्च निकाला था. पाटलेबास में जीजेएम प्रमुख विमल गुरुंग का घर एवं दफ़्तर है. इसके लिए कर्सियांग, कलिम्पोंग, घूम, मिरिक और दूसरी जगहों से सैकड़ों लोग दार्जिलिंग पहुंचे थे. इस कारण तनाव का माहौल था. पुलिस ने जगह-जगह बैरिकेडिंग कर उन्हें रोकने की कोशिश की. इन्हीं जगहों पर पुलिस और प्रदशनकारियों में हिंसक झड़पें हुईं. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए कई जगहों पर आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया. इसमें दर्जनों प्रदर्शनकारी भी घायल हुए हैं. इस बीच दार्जिलिंग समेत संपूर्ण पहाड़ पर तनाव का माहौल है. इस कारण सेना के जवानों को भी गश्त पर लगाया गया है. दार्जिलिंग के चौक बाज़ार, पाटलेबास, सिंगमारी समेत तमाम संवेदनशील इलाकों में सेना के जवान तैनात किए गए हैं. इनकी कुछ टुकड़ियां कर्सियांग और कलिम्पोंग भी भेजी गयी हैं.
संघर्ष में अब तक कई पुलिसकर्मी जख्मी
पश्चिम बंगाल के एडीजी (ला एंड आर्डर) अनुज शर्मा ने बताया कि झड़पों के दौरान पुलिस के एक जवान को गोली भी लगी है. उन्होंने आगे कहा कि पुलिस ने कोई फ़ायरिंग नहीं की. अलबत्ता, प्रदर्शनकारियों ने ही पुलिस पर पत्थरबाज़ी की. हमले किए और हमारे 35 जवानों को घायल कर दिया. बंद समर्थकों ने पुलिस की दो गाड़ियों में आग भी लगा दी. इसके बाद हमने सात लोगों को गिरफ़्तार किया. वहीं, दूसरी ओर गोरखा जनमुक्त मोर्चा के सह सचिव बिनय तमांग ने पुलिस पर सच को छिपाने का आरोप लगाया है.
तनाव का कारण - डेस्टिनेशन पाटलेबास
दरअसल, गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) और दूसरे संगठनों ने आज 'डेस्टिनेशन पाटलेबास' नाम से विरोध मार्च निकाला था. पाटलेबास में जीजेएम प्रमुख विमल गुरुंग का घर एवं दफ़्तर है. इसके लिए कर्सियांग, कलिम्पोंग, घूम, मिरिक और दूसरी जगहों से सैकड़ों लोग दार्जिलिंग पहुंचे थे. इस कारण तनाव का माहौल था. पुलिस ने जगह-जगह बैरिकेडिंग कर उन्हें रोकने की कोशिश की. इन्हीं जगहों पर पुलिस और प्रदशनकारियों में हिंसक झड़पें हुईं. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए कई जगहों पर आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया. इसमें दर्जनों प्रदर्शनकारी भी घायल हुए हैं. इस बीच दार्जिलिंग समेत संपूर्ण पहाड़ पर तनाव का माहौल है. इस कारण सेना के जवानों को भी गश्त पर लगाया गया है. दार्जिलिंग के चौक बाज़ार, पाटलेबास, सिंगमारी समेत तमाम संवेदनशील इलाकों में सेना के जवान तैनात किए गए हैं. इनकी कुछ टुकड़ियां कर्सियांग और कलिम्पोंग भी भेजी गयी हैं.
Post a Comment