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EXCLUSIVE : उत्तराखंड में गोरखा युवाओं के साथ भेदभाव, हाईट में 3 cm की छूट का नहीं मिलेगा फायदा


दीपक राई
वीर गोरखा न्यूज पोर्टल
देहरादून : हाल ही में गोरखा मूल समेत हिमालयी क्षेत्रों के युवाओं को सैन्य भर्ती में 3 सेंटीमीटर की छूट की ख़बरों से अखबार के पेज भरे पड़े है लेकिन जब वीर गोरखा न्यूज पोर्टल ने इस बारे में पड़ताल की। जैसा कि मीडिया रिपोर्ट्स में ख़बरें आ रही है, हिमालयी क्षेत्रों के युवाओं को अब सैन्य भर्ती के दौरान 3 सेंटीमीटर अर्थात 1.18 इंच की छूट मिलेगी। पहले जो निर्धारित ऊंचाई सीमा थी वह 166 सेंटीमीटर से कम करके 163 सेंटीमीटर कर दी गयी है। लेकिन वीर गोरखा ने अपनी पड़ताल में पाया कि इस नई घोषणा से गोरखा मूल के भारतीय व नेपाली लोगों को किसी भी प्रकार की छूट प्राप्त नहीं होगी।

सैन्य भर्ती बोर्ड द्वारा गोरखा जाति के लिए निर्धारित ऊंचाई पूर्व में ही 160 सेंटीमीटर अर्थात 5 फीट 4 इंच है। इसलिए इस नए आदेश में छूट होने के बावजूद गोरखा समाज के युवाओं को लाभ नहीं मिलेगा क्योंकि वह 163 सेंटीमीटर से भी कम ऊंचाई वाले वर्ग में शामिल है।

मीडिया रिपोर्ट्स में रही है इस तरह की ख़बरें।
163 सेंटीमीटर से कम हाईट वालों के लिए क्या है प्रावधान ?
देश के हिमालयी क्षेत्रों को पश्चिमी और पूर्वी हिमालय जोन के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसमें पश्चिम हिमालय जोन में जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब के पर्वतीय क्षेत्र और उत्तराखंड के कुमाऊं - गढ़वाल सम्मिलित है। वहीं पूर्वी हिमालय जोन में सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, दार्जिलिंग, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, त्रिपुरा, मिजोरम,असम के अलावा उत्तर बंगाल के पर्वतीय क्षेत्र (दार्जिलिंग, कालिम्पोंग जिले) शामिल है। अतः यहां रहने वाले गोरखा युवाओं को भर्ती में 160 सेंटीमीटर की ऊंचाई निर्धारित है।
लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) शक्ति गुरुंग साल 2013 आर्मी रिक्रूटमेंट के DG पोस्ट पर थे
जनरल शक्ति गुरुंग 2013 में दिलवा चुके है गोरखाओं को 2 cm की छूट
वीर गोरखा ने अपनी पड़ताल में पाया कि वर्तमान में देहरादून में ही रह रहे लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) शक्ति गुरुंग साल 2013 में जब आर्मी रिक्रूटमेंट के DG थे, तब अपने कार्यकाल के दौरान ही उन्होंने गोरखा युवाओं के लिए निर्धारित 160 cm हाईट को 2 cm कम करते हुए 158 cm कर दिया था। जिसके बाद से ही गोरखा युवाओं को सैन्य भर्ती में 2 cm की छूट मिलने लगी है।

अक्टूबर में सैन्य भर्ती रैली केवल गोरखाओं के किए नहीं
रक्षा मंत्रालय के नियमानुसार राज्य में सैन्य भर्ती रैली लैन्सडाउन स्थित ARO में ZRO के गाइडलाइंस के तहत के आयोजित की जाती है। इसमें भी यह प्रावधान है कि ARO किसी भी भर्ती रैली को एक ही स्थान में लगातार नहीं करवा सकती है। इसके लिए उसे राज्य के विभिन्न स्थानों में भर्ती रैली आयोजित करने पड़ती है। इस बार अक्टूबर माह में देहरादून में होने वाला सैन्य भर्ती रैली केवल गोरखा समाज के लिए नहीं है, इस आयोजन में अन्य समुदाय के लोग भी हिस्सा ले सकते है। लेकिन इसमें भी गोरखा युवाओं को स्थानीय विधायक के कहे अनुसार 3 cm हाईट में छूट का लाभ नहीं मिल पाएगा।




पश्चिमी हिमालय जोन के गोरखा को भी दिलाए विधायक 3 cm की छूट
विधायक गणेश जोशी के विधानसभा क्षेत्र मसूरी में गोर्खाली समाज की आबादी करीबन 30 फीसदी है। इतनी बड़ी आबादी होने के कारण यह हमेशा से राजनेताओं के लिए बड़ा वोट बैंक रहा है। स्थानीय विधायक गणेश जोशी के प्रयासों के हजारों युवा सैन्य भर्ती में लाभान्वित होंगे, इसमें कोई शक नहीं। लेकिन गोरखा समाज के भी युवाओं को इस 3 cm छूट का लाभ मिलना चाहिए, जिससे हजारों-हजार युवाओं को सेना में अपनी सेवा देना का अवसर मिले।


गोरखा तुष्टिकरण तो नहीं कर रहे विधायक गणेश जोशी ?
देहरादून में गोरखा युवाओं के लिए सैन्य सेवा एक प्रमुख रोजगार अवसर होने के कारण यहां के युवा, खासकर गोर्खाली समाज के इस मुद्दे पर बहुत ही संवेदनशील होते है। बीतें दिनों विधायक गणेश जोशी के सोशल मीडिया समेत अन्य मीडिया में जारी विज्ञप्ति में दिए गए अपुष्ट जानकारी के कारण गोर्खाली समाज के युवाओं में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। 3 cm का लाभ किसी भी प्रकार से गोरखा समुदाय नहीं उठा पाएगा, लेकिन जिस तरह से इसका प्रचार किया गया उससे इस पूरे एपिसोड के पीछे गोरखा वोटर्स को रिझाने और उनका तुष्टिकरण करने की कोशिशें नजर आ रही है।

मुख्यमंत्री एवं पूर्व सैनिकों की तरफ से किया गया धन्यवाद ज्ञापन
बीते रविवार पूर्व सैनिकों के द्वारा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत एवं मसूरी विधानसभा से विधायक गणेश जोशी द्वारा एक कार्यक्रम में उत्तराखंड के युवाओं को सेना की भर्ती में लंबाई में 3 सेंटीमीटर की छूट देने और द्वितीय विश्वयुद्ध के सेनानियों व उनकी विधवाओं की पेंशन 4 हजार रुपये से बढ़ाकर 8 हजार रुपये मासिक करने पर पूर्व सैनिकों की तरफ से धन्यवाद ज्ञापन किया गया। जोहड़ी भूतपूर्व सैनिक संगठन, OR एवं अन्य पूर्व सैनिक इस अवसर पर उपस्थित रहे।


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