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आखिरकार बिनॉय के लिए "बंद" ने क्यों कर दिए GJM में आने के रास्ते बंद, बनाएंगे नई पार्टी !



वीर गोरखा न्यूज पोर्टल
आखिर 29 तारीख को 'नबन्ना' में हुए वार्ता के बाद उसके अभिशाप से गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के बिनॉय तामंग और अनित थापा को अपनी पार्टी से ही हाथ धोना पड़ गया है। आज शाम को बंद खोलने के अपने विवादित फैसले के बाद से ही बिनॉय तामंग को देशभर के गोरखा समाज का गुस्सा सहने को मिल रहा है। इतना ही नहीं पहाड़ में भी जगह-जगह उनसे स्थानीय जनता अभद्रता पर उतर आई है। सोनादा में तो बाकायदा उनके वाहन को रोका गया। कर्सियांग और गोरुबुथान में बिनॉय तामंग मुर्दाबाद के नारे लगने शुरू हो गए। इसके बाद कालिम्पोंग में भी बंद ख़त्म करने के विरोध में जमकर सैकड़ों लोगों ने नारेबाजी की है। मोर्चा की तरफ से सबसे पहले महासचिव रोशन गिरी ने बंद को समाप्त करने की ख़बरों को गलत बताते हुए इसे गोरखालैंड मांग से धोखा बताया। उन्होंने इसे जनता का आंदोलन कहा, इसके बाद उन्होंने थोड़ी ही देर में बंद समाप्त करने की घोषणा करने वाले पार्टी के ही बिनॉय तामंग को तत्काल गोरखालैंड आंदोलन कमेटी के संयोजक पद से हटाने की घोषणा कर दी। इसके फ़ौरन बाद उन्होंने कल आयोजित होने वाले केंद्रीय समिति की बैठक में बिनॉय और अनित थापा को निष्कासित करने की बात कही। वहीं कुछ मोर्चा समर्थकों ने बिनॉय को ममता बनर्जी के हाथों बिकने के आरोप लगाते हुए दार्जिलिंग के रॉक गार्डन स्थित उनके घर को आग लगा दी और जमकर तोड़फोड़ की। कर्सियांग में तो बिनॉय और बिमल गुरुंग के समर्थकों में झड़प होने की भी खबर सामने आई।

निष्कासन के बाद बिनॉय-अनित बनाएंगे नई पार्टी !

बिना पार्टी की रजामंदी के जिस तरह बिनॉय तामंग और अनित थापा ने 78 दिनों से चल रहे बंद को समाप्त करने की घोषणा की। उसे देखकर लगता है कि दोनों नेता कोलकाता में ही इसके बाद आगे की स्थिति से निपटने को तैयार थे। सूत्रों के अनुसार जल्द ही दोनों मिलकर पहाड़ में एक नई राजनैतिक पार्टी बनाने की घोषणा कर सकते है। उम्मीद की जा रही है कि इस नए दल की कमान बिनॉय ही संभालेंगे। साथ ही इस नए दल में बिमल गुरुंग से असंतुष्ट कार्यकर्ताओं को भी साधने की बिनॉय कोशिश करेंगे।

कल के केंद्रीय समिति की आपात बैठक से नदारद रहेंगे बिमल-गिरी

मोर्चा महासचिव द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार कल दार्जिलिंग में बिनॉय-अनित को निष्कासित करने और बंद को जारी रखने के लिए केंद्रीय समिति की आपात बैठक बुलाई जा रही है। लेकिन हैरानी कि बात है कि इस महत्वपूर्ण बैठक से स्वयं पार्टी प्रमुख बिमल गुरुंग और महासचिव रोशन गिरी अनुपस्थित रहेंगे। इसका मतलब स्पष्ट है कि बिनॉय और अनित को पार्टी से बाहर निकालने के लिए ही औपचारिक रूप से यह मीटिंग आयोजित की जा रही है।

पहाड़ में बिमल की ताकत से फिसड्डी साबित हुए बिनॉय-अनित

जनाधार वाले बिमल गुरुंग को दरकिनार करते हुए जिस प्रकार से बिनॉय तामंग और अनित थापा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से करीबी बढ़ानी शुरू की, उससे पूरा गोरखा समाज एक बार फिर से बिमल गुरुंग से सहानुभूति प्रकट करने लगा है। मोर्चा में अब भी बिमल गुरुंग की पकड़ देखते ही बनती है। पहाड़ की राजनीति में भूमिगत बिमल गुरुंग को कम आंकने की गलती का खामियाजा GNLF और TMC को अब वहां भारी विरोध के चलते उठानी पड़ रही थी।
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