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‘संवैधानिक और न्यायिक अवरोध’ दूर करने के बाद ही हो पहाड़-तराई में ग्राम पंचायत चुनाव : बिनॉय तामंग


दार्जीलिंग : पश्चिम बंगाल में होने जा रहे पंचायत चुनाव से पूर्व पहाड़ के प्रमुख गोरखा नेता बिनॉय तामंग ने इस बात पर जोर दिया है कि ‘संवैधानिक और न्यायिक अवरोध’ दूर करने के बाद ही ग्राम पंचायत चुनाव कराये जाने चाहिए। गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (GTA) के पूर्व चेयरमैन और साथ ही तृणमूल कांग्रेस के पूर्व नेता तामंग ने आगे कहा कि दार्जीलिंग गोरखा पर्वतीय परिषद (DGHC) की जगह लेने वाले गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (GTA) की वैधता को चुनौती देने वाले मामले उच्चतम न्यायालय और कलकत्ता उच्च न्यायालय में लंबित हैं।

हालांकि, कई अन्य गोरखा नेताओं ने इस बात को मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने या तो प्रतिक्रिया नहीं देना उचित समझा या इस ओर इशारा किया कि तामंग जो मुद्दे उठा रहे हैं, उनका न्यायिक उपाय निकाला जा सकता है। सियासी हल्को में यह उम्मीद जताई जा रही है कि बंगाल में मई माह में पंचायत चुनाव कराये जा सकते हैं। जब GTA के मौजूदा मुख्य कार्यकारी अधिकारी और क्षेत्रीय राजनैतिक दल भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चे के अध्यक्ष अनित थापा कहते है कि उनका ध्यान जनता की सेवा पर है और वह तामंग के बयान पर प्रतिक्रिया नहीं देंगे। हालांकि, तामंग ने पर्वतीय क्षेत्र के राजनीतिक नेताओं का आह्वान किया कि सत्ता हासिल करने के लिए राजनीतिक गठजोड़ बनाने के बजाय जटिल समस्याओं का मिलकर समाधान निकाला जाए। 

GTA के प्रशासक मंडल के पूर्व अध्यक्ष और पहाड़ के वरिष्ठ गोरखा नेता तामंग ने अपने ताजा बयान में दावा किया, ‘‘अगर ग्रामीण चुनाव इन समस्याओं के समाधान के बिना कराये जाते हैं तो हमारे स्थायी राजनीतिक समाधान के सभी दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो जाएंगे।’’ क्षेत्र में पिछली बार पंचायत चुनाव साल 2000 में हुए थे और ये चुनाव ज GTA के गठन से पहले हुए थे। तामंग समर्थकों ने संकेत दिया कि पंचायत चुनाव भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243M के तहत होंगे, लेकिन इस अनुच्छेद में अब भी GTA के बजाय DGHC का उल्लेख है। उन्होंने कहा कि इसमें सुधार के लिए संविधान संशोधन केवल संसद द्वारा किया जा सकता है।

तामंग ने आगे यह भी कहा कि गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट (GNLF) के नेता सुभाष घिसिंग ने GTA की वैधता को चुनौती दी थी और मामला अब भी शीर्ष अदालत में और उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं ग्रामीण चुनावों के खिलाफ नहीं हूं, मैं केवल इतना चाहता हूं कि पंचायत चुनाव व्यवस्थित तरीके से हों।’’ दार्जीलिंग से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता राजू बिष्ट और गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के महासचिव रोशन गिरी ने हालांकि तामंग के बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। फिलहाल पंचायत चुनाव के पूर्व एक बार फिर पहाड़ों में राजनीति गर्म होती नजर आ रही है।

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