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सिक्किम ,सत्यजित रे और 35 साल का बैन

दीपक राई
सन 1971 की बात है सर्वकालिक महान फिल्मकार माने जाने वाले सत्यजित रे को तत्कालीन सिक्किम के चोग्याल ( राजा ) के आमंत्रण पर एक वृतचित्र बनाने का कार्य दिया गाया , और स्वाभाविक तौर पर सत्यजित रे ने बेहद खूबसूरत तरह से इस वृतचित्र का फिल्मांकन किया। इस लघु फिल्म में उस समय के स्वतंत्र राष्ट्र सिक्किम के सम्राट पाल्देन थोंदुप नामग्याल और उनकी पत्नी जो अमेरिकन मूल की थी , होप कूक के राजकाज और उनकी प्रजा को शानदार ढंग से दिखाया गया था , पूरी फिल्म में इसके अलावा उस दौर की सिक्किम की जनता को बखूबी दर्शाया गया था। सिक्किम ने सन 1971 को ही भारत संघ में विलय की घोषणा की और भारत के एक राज्य के तौर पर स्थापित होने पर वहा की राजशाही को भी समय के साथ समाप्त कर वहा विधायिका की शुरुआत कर दी गई । दुर्भाग्यवश सन 1975 में भारत सरकार ने इस फिल्म को प्रतिबंधित कर दिया , लगभग 35 साल बाद यानि नवम्बर 2010 को आखिरकार भारतीय सरकार ने सत्यजित रे के इस अविस्मर्णीय वृतचित्र से बैन उठा लिया और इसे कोलकाता में 16 वे फिल्म समारोह में प्रदर्शित किया गया ।
यह फिल्म जब बनी उस समय सिक्किम को भारत और चीन दोनों से खतरा महसूस हो रहा था इसलिए संभवत: भारतीय सरकार ने इसी करान इसे बैन कर दिया था .सन 2000 में जब इस फिल्म का कॉपीराईट जब सिक्किम के पर्यटन विभाग को मिली जब जाकर इसे प्रदर्शित करने के प्रयास शुरू हुए , लेकिन दुविधा यह थी कि इस फिल्म की रील उपलब्ध ही नहीं थी । काफ़ी प्रयासों के सन 2003 में इस फिल्म की सुरक्षित प्रति ब्रिटिश फिल्म इंस्टिट्यूट के अभिलेखागार से यह प्राप्त हो पाया. पहले इसके जितने भी मूल प्रतिया उपलब्ध थी उनको सरकार द्वारा नष्ट कर दिया गया था . इस दुर्लभ फिल्म में स्वयं सत्यजित रे ने संगीत, ध्वनि ,कमेंट्री ,कहानी और निर्देशन की कमान संभाली थी। फिल्म की सिनेमेटोग्राफी सौमेंदु रॉय और संपादन दुलाल दत्ता ने किया था । इस फिल्म के निर्माता चोग्याल पाल्देन थोंदुप थे, इस फिल्म को आप सभी के सामने यूट्यूब के माध्यम से पंहुचा रहा हूँ और उम्मीद करता हूँ कि आप सभी को यह फिल्म पसंद आयेगी ।

सिक्किम (1971)




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